जहाज पर हुआ अटैक, भारतीय नौसेना ने तुरंत पहुंचाई मदद, ‘रक्षक’

  • अदन की खाड़ी में हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी जहाज को बनाया निशाना

-बाल-बाल बचे 22 लोग, जिनमें से 9 भारतीय थे

(फोटो : शिप1 व शिप2)

नई दिल्ली। अरब सागर में यमन के पास फिर से एक जहाज पर ड्रोन अटैक हुआ है। ये हमला यमन के अदन पोर्ट से 60 समुद्री मील दूर दक्षिण में हुआ। इस हमले की वजह से जहाज के कुछ हिस्से में आग लग गई। जेन्को पिकार्डी नाम के इस जहाज पर मार्शल आइलैंड का फ्लैग लगा हुआ था। इस पर कुल 22 लोग सवार थे जिनमें से 9 भारतीय थे। हालांकि हमले में किसी को नुकसान नहीं पहुंचा है। इंडियन नेवी के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि एक जहाज पर हमला हो गया है जिसके बाद उन्होंने इस हमले का जवाब दिया। ये हमला मंगलवार रात करीब 11 बजकर 11 मिनट पर हुआ। हमले की सूचना मिलते ही नेवी ने वॉरशिप I आईएनएस विशाखापट्टनम को मदद के लिए रवाना किया। 18 जनवरी को 12:30 मिनट पर वॉरशिप ने वहां पहुंचकर हमले का मुआयना किया। आग पर नियंत्रण पा लिया गया है। बॉम्ब एक्सपर्ट्स ने कहा कि जहाज को बहुत अधिक क्षति नहीं पहुंची है। नौसेना ने कहा, “जहाज कॉल के अगले बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है।” हालांकि, हमला किसने किया इसकी जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। हूती विद्रोहियों ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने यमन के पास एक अमेरिकी जहाज पर ड्रोन से हमला किया। यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस (यूकेएमटीओ) सुरक्षा एजेंसी ने कहा कि अदन की खाड़ी में एक ड्रोन ने जहाज को निशाना बनाया है।

यमन का प्रमुख बंदरगाह

अदन का बंदरगाह एक प्रमुख यमनी बंदरगाह है, जो अदन की खाड़ी पर अदन में स्थित है, और यमन का सबसे बड़ा बंदरगाह है। अदन का बंदरगाह बाब अल मंडेब जलडमरूमध्य से लगभग 170 किमी पूर्व में स्थित है, जो अदन की खाड़ी को लाल सागर से जोड़ता है। यह ड्रोन हमला ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में बढ़ती गतिविधि के बीच हुआ है, जो पिछले साल के अंत में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को निशाना बना रहे हैं। हूती विद्रोही लाल सागर से यात्रा करने वाले जहाजों और मालवाहक जहाजों पर कई हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिन्हें वे “इजरायल लिंक” वाले देश कहते हैं।

अमेरिकी सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर बुधवार को चौथी बार हमला किया। समुद्र में जहाजों पर हूतियों और समुद्री लुटेरों के हमले का असर भारत पर भी पड़ रहा है। दोनों गुटों ने कई बार भारत आ रहे जहाजों या फिर भारतीय क्रू वाले जहाजों पर हमला किया है।

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‘नहीं होने देंगे समुद्री डकैती : नौसेना प्रमुख

नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने गुरुवार को कहा कि नौसेना का काम भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा सुनिश्चित करना है। उनका यह बयान लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हालिया संदिग्ध ड्रोन हमलों और भारतीय तटरेखा पर पाकिस्तानी जहाजों की तैनाती के मद्देनजर आया है। एडमिरल कुमार ने कहा, ‘नौसेना का काम यह सुनिश्चित करना है कि हम भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करें, उन्हें बढ़ावा दें और आगे बढ़ें।’ उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी तरह की समुद्री डकैती नहीं होने देंगे।’ पत्रकारों से बात करते हुए नौसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले साल के अंत तक भारतीय जलक्षेत्र में समुद्री डकैती की घटनाएं लगभग खत्म हो गई थीं। उन्होंने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे राष्ट्रीय हित सुरक्षित हों। हम साल 2008 से हिंद महासागर में अभियान चला रहे हैं। इनमें समुद्री डकैती विरोधी अभियान भी शामिल हैं। 2008 से हमने समुद्री डकैती से निपटने के लिए 106 जहाजों को तैनात किया है।’

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