सर्चिंग के दौरान सुरक्षाबलों को कामयाबी
कांकेर
बिनागुंडा के जंगल में कंपनी नंबर 05 से 9 जुलाई को हुई मुठभेड़ के बाद सर्चिंग पर फोर्स को एक प्रयोगशाला मिली। इसमें बम बनाने का पूरा सामान मिला है। इसमें बम बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले खतरनाक एसिड भी मिले हैं। प्रयोगशाला में मिले संदिग्ध वस्तुओं की जांच कराने में पुलिस जुटी हुई है। पुलिस इन सामानों को देखकर यह मान रही है कि नक्सली नए तरीके जैविक बम जैसे बम बनाने का तरीके की खोज इस लैब में कर रहे होंगे। बिनागुंडा के जंगल में कंपनी नंबर 05 के होने की जानकारी मिलने पर कांकेर जिला से फोर्स 8 जुलाई को रवाना हुई थी और 9 जुलाई को नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। दोनों तरफ से रुक रुककर कई घंटे तक गोलीबारी चली। फोर्स जिस तरफ से गोली चली, उस तरफ बढ़ते हुए नक्सलियों के अस्थायी कैंप पहुंची। नक्सली इसी जंगल में एक अस्थाई कमरा बनाकर रखे थे और वहां पर एक प्रयोगशाला बनी हुई थी। इसमें सैकड़ों परखनली व अन्य कई छोटे छोट सामान, एसिड, माइक्रोस्कोप, ट्रांजिस्टर करैक्ट्रेस्टिक एपरेटस मिला।
पहली बार दिखी ऐसी लैब
नक्सली व फोर्स के मध्य कई बार मुठभेड़ जंगलों में हुई, परंतु इस तरह की प्रयोगशाला पहली बार फोर्स को देखने को मिली है। इस तरह के सामान भी पहली बार नक्सलियों के अस्थायी कैंप से पहली बार मिले। ऐसी सामग्री आज तक बस्तर संभाग में किसी भी मुठभेड़ में पुलिस के हाथ नहीं लगी। मुठभेड़ में गए फोर्स का कहना है कि वैज्ञानिक केंद्रों पर जिस तरह से लैब रहती है, उसी तरह की नक्सलियों ने जंगल में प्रयोगशाला बनाकर रखी थी। हम लोगों को लग रहा है कि यह इसमें बम बनाने की नई तकनीक की खोज कर रहे थे।
नक्सली जैविक बम बनाने के फिराक में थे
एएसपी प्रशांत शुक्ला ने कहा कि इस तरह का सामान नक्सलियों के कैंप से पहली बार मिला है। ताकतवर बम बनाने की खोज के लिए यह लैब बनाई गई होगी। नक्सलियों के कैंप से जिस तरह के सामान मिले हैं, उससे ऐसा लग रहा है कि जैविक बम जैसा कुछ बनाने के फिराक में थे। कैंप में मिली सभी जानकारी की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजे गए हैं। जांच के बाद ही सही खुलासा हो सकेगा।
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