बच्चों के बीच इसरो प्रमुख… बोले- जीवन भर का अनुभव लेने आया

  • सोमनाथ ने विजयादशमी पर केरल में मनाया विद्यारंभम अनुष्ठान

(फोटो : इसरो)

तिरुवनंतपुरम। भारतीय आंतरिक्ष एवं अनुसंधान संस्थान (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने मंगलवार को विजयदशमी के मौके पर केरल के तिरुवनंतपुरम में बच्चों के साथ विद्यारंभम अनुष्ठान मनाया। दरअसल, विद्यारंभम समारोह केरल में छोटे बच्चों को सीखने और ज्ञान की दुनिया से परिचित कराने के लिए नवरात्रि के आखिरी दिन आयोजित किया जाता है। इस खास मौके पर उपस्थित होकर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने खुशी जताई है। उन्होंने इस दौरान मीडिया से भी बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां सुबह विजय दशमी के मौके पर आया हूं। विद्यारंभम एक ऐसा त्योहार है, जिसमें हम अक्षरों को देवी-देवताओं के तौर पर पूजते हैं। हम छोटे बच्चों को शिक्षा की दीक्षा देते हैं। हम चाहते हैं कि वह भी गुरुओं द्वारा दी जाने वाली शिक्षा से परिचित हो।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं यहां जीवन भर का अनुभव लेने आया हूं। इस अनुष्ठान का हिस्सा बनकर मुझे खुशी हो रही है। जो मैंने अपने माता-पिता और पुर्वजों से सीखा, वहीं मैं आगे इन बच्चों को दे रहा हूं।’

ऐसे होता है अनुष्ठान

बच्चों को सबसे पहले चावल से भरे प्लेट में लिखवाया जाता है फिर जो व्यक्ति बच्चे को लिखना सिखाता है वह सोने की अंगुठी या सिक्के को जीभ पर रखकर उसपर अक्षर लिखता है। यह प्रतीकात्मक तरीके से लिखने और बोलने की शुरुआत को दर्शाता है। तिरुवनंतपुरम में राजभवन में आयोजित इस अनुष्ठान में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने छोटे बच्चों को उनके पहले अक्षर लिखने में मदद की।

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बताई अपनी खास इच्छा

केरल के तिरुवनंतपुरम में पूर्णमासी कावु मंदिर में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इसरो प्रमुख ने अपनी एक इच्छा जाहिर की। उन्होंने कहा कि चूंकि इस गगनयान मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चयन और प्रशिक्षण पहले ही किया जा चुका है,ऐसे में गगनयान के उद्घाटन मिशन में अधिक महिलाओं की भागीदारी संभव नहीं होगी। हालांकि भविष्य में होने वाले अंतरिक्ष मिशन और गगनयान मिशन में और अधिक महिला अंतरिक्ष यात्रियों को शामिल करने की मेरी इच्छा है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी भी महिलाओं के अधिक प्रतिनिधित्व पर जोर देते हैं।

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