— याचिकाकर्ता द्वारा पेश की गई लिस्ट के तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच के दिए गए निर्देश
बिलासपुर। पीएससी चयन में गड़बड़ी के मामले में राज्य शासन ने हाईकोर्ट में जवाब दे दिया है। इसमें कहा गया है कि शासन मामले की स्वयं जांच कर हाईकोर्ट के समक्ष पूरी रिपोर्ट और जवाब पेश करेगा। साथ ही जब तक मामले के अगली सुनवाई नहीं हो जाती तब तक इस विषय को बढ़ावा न देकर जिन व्यक्तियों पर आरोप लगा है और उनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उसको आगे अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही जिनकी नियुक्तियां हो चुकी हैं वह यथास्थिति न्यायालय के आदेश के अधीन रहेंगी। शासन के इस उक्त वक्तव्य को रिकार्ड पर लेते हुए हाईकोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद रखी है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार तथा पीएससी को निर्देशित किया है कि जो सूची याचिकाकर्ता के द्वारा पेश की गई है उसके तथ्यों की सत्यता के संबंध में भी जांच कर लें। इसके अलावा याचिकाकर्ता को निर्देशित किया गया है कि वह चयनित व्यक्तियों को पक्षकार बनाए और अपनी याचिका में निर्धारित संशोधन कर पेश करें। न्यायालय के द्वारा याचिकाकर्ता को भी सचेत किया गया है कि अगर याचिकाकर्ता की जानकारी गलत पाई गई तो उसके विरुद्ध भी न्यायोचित कार्यवाही की जाएगी।
सीजीपीएससी में भर्तियों को लेकर हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने सवाल उठाया है कि ऐसा क्या संयोग है कि चेयरमैन और नेताओं की बेटी और रिश्तेदारों का चयन हो गया। कोर्ट ने पूछा है कि क्या यह सारी नियुक्तियां हो चुकी हैं। डिवीजन बेंच ने उनकी नियुक्ति पर रोक लगाने के लिए कहा है। वहीं सरकार की ओर से खुद जांच कर जवाब देने की बात कही गई है। मामले में अगली सुनवाई अब 5 अक्टूबर को होगी। दरअसल भाजपा विधायक और याचिकाकर्ता ननकीराम कंवर के एडवोकेट संजय कुमार अग्रवाल ने याचिका में संशोधन का आग्रह किया और कुछ तथ्यों में बदलाव करने की बात कही। यह बात भी सामने आई कि याचिका में वर्ष 2020 में हुई नियुक्ति के भी तीन नाम को जोड़ दिया गया है, जिस पर डिवीजन बेंच ने ऐतराज जताया।
नेताओं के रिश्तेदारों के चयन पर सवाल
अपनी याचिका में विधायक ननकीराम कंवर ने राजभवन के सचिव अमृत खलको के बेटे और बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने के साथ ही पीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के कई रिश्तेदारों के साथ ही कई नेताओं के रिश्तेदारों के भी चयन पर सवाल उठाया है। याचिकाकर्ता के पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने भी हैरानी जताई है। चीफ जस्टिस के मुताबिक पीएससी सहित दूसरी संस्था में अधिकारियों के बच्चे का चयन होना स्वाभाविक है लेकिन, ऐसा क्या संयोग है कि पीएससी चेयरमैन के करीबी रिश्तेदारों का चयन हुआ है। यह बहुत गलत बात है। कोर्ट ने कहा कि इनकी नियुक्ति रोक दी जानी चाहिए। डिवीजन बेंच ने चेयरमैन, अधिकारी और सत्ताधारी दल के नेताओं के करीबियों के 18 पदों की नियुक्ति की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं।
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चयनित प्रतियोगियों ने भी दायर की हस्तक्षेप याचिका
सुनवाई के दौरान बुधवार को चयनित प्रतियोगियों ने हस्तक्षेप याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि पांच नियुक्तियां हो चुकी है, ऐसे में रोक सही नहीं। कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को छोड़कर शेष लिस्ट की नियुक्ति पर रोक लगाने की बात कही है। सुनवाई के दौरान यह तथ्य भी सामने आया है कि जिस नितेश सिंह को पीएससी चेयरमैन टामन सिंह का बेटा बताया जा रहा था वो सरपंच रहे राजेश का बेटा है। इस पर चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता के वकील पर नाराजगी जताई। इसी तरह प्रज्ञा नायक की तरफ से भी हस्तक्षेप आवेदन प्रस्तुत किया गया है। केस में शासन की तरफ से सरकारी वकील ने समय मांगा और कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस मामले को देख रही है। नियुक्ति की जांच भी कराई जा रही है। अभी महाधिवक्ता बाहर हैं। उनके आने के बाद इस पूरे मामले में विस्तार से जवाब पेश किया जाएगा। वहीं राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि प्रकरण की स्वयं जांच कर कोर्ट के सामने जवाब पेश करेंगे।
इनके चयन पर उठे हैं सवाल
पीएससी ने 12 मई 2023 की सुबह अंतिम चयन सूची जारी की थी। इसके बाद से ही सवाल उठ रहे हैं। सूची के टॉप 20 में जो नाम थे, वे बड़े अधिकारियों, बिजनेसमैन या फिर कांग्रेस नेताओं के रिश्तेदार हैं।
- नितेश, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र, सरनेम छिपाया गया
- साहिल, डीएसपी, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के बड़े भाई का पुत्र, सरनेम छिपाया गया
- निशा कोशले, डिप्टी कलेक्टर, पीएससी के अध्यक्षटामन सिंह के पुत्र नितेश की पत्नी
- दीपा अजगले/आडिल जिला आबकारी अधिकारी, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भाई की बहू
- सुनीता जोशी, लेबर आफिसर, पीएससी के अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी की बहन की पुत्री
- सुमित ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र
- नेहा खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्री
- निखिल खलखो, डिप्टी कलेक्टर, लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो का पुत्र
- साक्षी ध्रुव, डिप्टी कलेक्टर, बस्तर नक्सल आपरेशन के डीआइजी ध्रुव की पुत्री
- प्रज्ञा नायक, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार की पुत्री
- प्रखर नायक, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के रिश्तेदार का पुत्र
- अन्यया अग्रवाल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता की पुत्री
- शशांक गोयल, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार का दामाद
- भूमिका कटियार, डिप्टी कलेक्क्टर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुधीर कटियार की पुत्री
- खुशबू बिजौरा, डिप्टी कलेक्टर, कांग्रेस नेता के ओएसडी के साढू भाई की पुत्री
- स्वर्णिम शुक्ला, सहायक संचालक, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला का पुत्र
- राजेंद्र कुमार कौशिक, डिप्टी कलेक्टर, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का पुत्र
- मिनीक्षी गनवीर, डिप्टी कलेक्टर, गनवीर की पुत्री जो कि लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तामन सिंह सोनवानी के साथ रहती है
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