डॉ. रमन सिंह और पात्रा परदर्ज एफआईआर होगी रद्द

–हाईकोर्ट का आदेश

  • कोर्ट टिप्पणी की- मामले में प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है
  • 18 मई 2021 को अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का कथित लेटर पोस्ट किया था

बिलासपुर। ‘टूल किट’ मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बुधवार को पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बड़ी राहत दी है। डिवीजन बेंच ने दोनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है। न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की है कि इस तरह के ट्वीट से कोई सौहार्द्र नहीं बिगड़ता है।

हाईकोर्ट में संबित पात्रा और रमन सिंह की ओर से बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय ने पैरवी की। तर्क दिया गया कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है और इसमंक कोई भी आपराधिक मामला नहीं बनता है। 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने मामले में अंतिम सुनवाई की थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। जिस पर आज फैसला सुनाया गया। ध्यान रहे कि टूलकिट एक तरह की प्लानिंग की जानकारी होती है, जिसमें किसी मुद्दे के प्रचार का जिक्र होता है। यह आमतौर पर डिजिटल प्लानिंग की तरह होता है कि जैसे किसी मुद्दे पर किस तरह के बयान देने हैं, कैसे प्रोपेगैंडा करना है।


पूर्व सीएम ने किया था ट्वीट

ज्ञात हो कि पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 18 मई 2021 को अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस का एक कथित लेटर पोस्ट किया था। इसमें दावा किया था कि इसमें देश का माहौल खराब करने की तैयारी की प्लानिंग लिखी गई है। विदेशी मीडिया में देश को बदनाम करने दुष्प्रचार और जलती लाशों की फोटो दिखाने का कांग्रेस षड्यंत्र कर रही है। ऐसा ही पोस्ट बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी की थी। युवा कांग्रेस के नेताओं ने रमन सिंह और संबित पात्रा पर रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।

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