- सुपेला पुलिस को मिला था क्लू
-एसीसीयू की टीम ने दी दबिश
-80 लाख नगद नगद मिला (फोटो भिलाई 3-19,20)
भिलाई। ऑनलाइन सट्टा गेमिंग एप से होने वाले रुपए का हवाला कारोबार करने वाले तीन युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने 2022 जुआ एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया है। घटना का खुलासा करते हुए एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि रुआबांधा निवासी विनय कुमार यादव से पुलिस को हवाला कारोबार करने का क्लू मिला था। पुलिस ने दबिश देकर शंकर नगर रायपुर में बकायदा आफिस खोलकर शक्ति सिंह जटेजा, जयेन्द्र सिंह जटेजा, आकाश कुमार दवे तीनों का मूल निवास गुजरात है। लेकिन शंकर नगर रायपुर में कारोबार के सिलसिले में यहां निवास करते है। तीनों युवक हवाला कारोबार का काम करते हैं। एसीसीयू की टीम ने कार्यालय में दबिश देकर तीनों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि तीनों युवकों के द्वारा 01, 02, 05, 10, 20 रुपए के नोट को टोकन बनाकर, पासवर्ड की तरह इस्तेमाल करते थे। आरोपियों से नगद 80 लाख रुपए दो मोबाइल फोन, तीन नोट गिनने की मशीन कुल 81.75 लाख रुपए जब्त किया है। पुलिस ने 28 जून को विनय कुमार को सर्कस मैदान से पकड़ा था। पूछताछ से पता चला कि ऑन-लाइन गेमिंग एप सट्टा के कारोबार में अन्य युवक भी शामिल है। इससे मिले रुपए को हवाला के जरिए भेजे जाने की जानकारी मिली थी। सट्टा से मिले राशि को अलग-अलग अवधि में क्रमशः 5 लाख, 10 लाख, 4.50 लाख, 6 लाख रुपए हवाला के द्वारा ऊपर भेजना बताया था। विनय को ऑन लाइन गेमिंग सट्टा एप की ब्रांच व पैनल प्रदान करने वाले ऊपर के सदस्यों के द्वारा व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। इस दौरान एएसपी सुखनंदन राठौर, एएसपी ग्रामीण रिचा मिश्रा, सीएसपी सत्यप्रकाश तिवारी और एसीसीयू प्रभारी तपेश्वर नेताम मौजूद थे।
टोकन से पैसा बांटा जाता
एसपी ने बताया कि टोकन नंबर दिया जाता था। जिसे रायपुर शंकर नगर स्थित ऑफिस में मिलाने के बाद राशि जमा किया जाता। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी विनय को पहले गिरफ्तारी के बाद रिमांड लिया। आरोपी के निशानदेही पर शंकर नगर रायपुर स्थित ऑफिस में दबिश दी गई। जहां शक्ति, जयेन्द्र, आकाश को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ऑन लाइन सट्टे के हवाले के पैसों का लेन-देन किया जाता है। ग्राहकों को उनके मोबाइल पर एक टोकन नम्बर दिया जाता है। जिसे ऑफिस आकर दिखाने पर टोकन नम्बरों का मिलान कर पुष्टि उपरांत रकम लेकर ग्राहक को पर्ची दिया जाता है। इसी तरह टोकन के आधार पर ही पैसा का वितरण किया जाता है।
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