सरकार नहीं दे रही ध्यान इसलिए छूट रही पढ़ाई
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- जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से जवाब मांगा
बिलासपुर। हाईकोर्ट ने आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्कूलों में विशेष शिक्षकों की भर्ती पर स्कूल शिक्षा सचिव से 6 सप्ताह में शपथपत्र पर जवाब मांगा था। बुधवार को हुई सुनवाई में इसे पेश नहीं किया जा सका। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई फिर से 6 हफ्ते के लिए बढ़ा दी है। आरसीआई ट्रेंड टीचर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि छत्तीसगढ़ में स्कूलों में सरकार स्पेशल एजुकेटर नियुक्त नहीं कर रही है। प्रदेश में 60 हजार से ज्यादा विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ 888 विशेष शिक्षक ही हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से आज लगभग हजारों विशेष शिक्षकों की ज़रूरत है। मामले में एडवोकेट पलाश तिवारी याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे हैं।
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शिक्षा के अधिकार में भी उल्लेख
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में हुई सुनवाई में अधिवक्ता तिवारी ने बताया है कि यही मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया था। इसमें जस्टिस रजनीश पाण्डेय ने सभी राज्य सरकारों को विशेष शिक्षक अपने स्कूलों में नियुक्त करने के निर्देश दिए थे। सुको ने राज्यों से इसकी कम्पलाएंस रिपोर्ट भी मंगाई थी। इस निर्णय के 2 साल बाद भी छत्तीसगढ़ शासन ने कोई भी कदम नहीं उठाया। इस वजह से ये बच्चे उन स्कूलों में नहीं पढ़ पा रहे हैं, जिसका उल्लेख राइट टू एजुकेशन एक्ट में किया गया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सुनवाई के बाद शासन से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर सरकार ने कहां तक अमल किया है। इसके साथ ही शिक्षा सचिव से शपथपत्र पर जवाब देने कहा है।
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