-एनसीईआरबी की रिपोर्ट
नई दिल्ली। देश में पाए जाने वाले सांप बहुत खतरनाक हैं। रोजाना 28 लोग सांप द्वारा काटने से मारे जाते हैं। एक साल की बात करें तो सांप के काटने से 10 हजार लोग दम तोड़ रहे हैं। ये आंकड़ा तो केवल उन लोगों का है, जो सांप द्वारा काटे जाने के बाद किसी सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरी में पहुंचते हैं। बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो सर्पदंश के बाद देसी इलाज में यकीन रखते हैं। जब ये लोग मारे जाते हैं तो इनका रिकॉर्ड संबंधित जिला प्रशासन के पास दर्ज नहीं हो पाता। सर्पदंश की वजह से हुई मौतों के मामले में मध्यप्रदेश (2732) टॉप पर है, जबकि ओडिशा (1019) का दूसरा नंबर है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल देश में सांप के काटने से 10382 लोग मारे गए हैं। टॉप 10 राज्यों में घने जंगलों वाला छत्तीसगढ़ तो वहीं रेगिस्तानी प्रदेश राजस्थान भी शामिल है। इनके अलावा यूपी, महाराष्ट्र और कर्नाटक में भी सांप के काटने से अनेक लोग मारे गए हैं।
राज्य मारे गए लोग पुan style=”mso-tab-count: 1″> महिला
मध्यप्रदेश 2732 1515 1217
ओडिशा 1019 756 263
छत्तीसगढ़ 909 517 392
महाराष्ट्र 803 519 284
यूपी 844 516 328
तमिलनाडु 698 406 292
कर्नाटक 698 441 257
राजस्थान 680 462 218
पश्चिम बंगाल 537 311 226
आंध्रप्रदेश 327 247 80
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सायबर क्राइम 5 फीसदी बढ़े, तेलंगाना, यूपी, कर्नाटक आगे
नई दिल्ली। देश में सायबर क्राइम के मामलों में पिछले साल पांच फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। चिंताजनक यह है कि इनसे संबंधित एक तिहाई मामलों में ही आरोप पत्र दायर किए जा सके। एनसीआरबी रिपोर्ट 2021 से यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में कुल 52,974 सायबर क्राइम के केस दर्ज हुए, जबकि 2020 में इनकी संख्या 50,035 थी। इस तरह इसमें 2021 में पांच फीसदी बढ़ोतरी हुई, जबकि 2019 के 44,735 केस के मुकाबले 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई। पिछले साल दर्ज सायबर क्राइम के मामलों के अनुसार 70 फीसदी से ज्यादा केस तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र व असम में दर्ज किए गए। रिपोर्ट के अनुसार प्रति लाख आबादी के मान से देखें तो 2021 में सायबर क्राइम की दर 3.9 फीसदी रही।
कहां-कितने अपराध
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, सबसे ज्यादा सायबर अपराध तेलंगाना में 10,303 में दर्ज हुए। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 8,829, कर्नाटक में 8,136, महाराष्ट्र में 5,562 और असम में 4,846 दर्ज हुए। दिल्ली में ऐसे 356 मामले दर्ज किए गए। वहीं, राज्यवार दर को देखें तो तेलंगाना में सर्वाधिक दर 27 फीसदी दर्ज की गई। वहीं, असम में 13.8, कर्नाटक में 12.1, उत्तराखंड में 6.3 और महाराष्ट्र में 4.5 फीसदी दर्ज की गई। दिल्ली की दर 1.7 रही।
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