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निर्यापक मुनिश्री 108 समय सागर महाराज अब सम्हालें आचार्य पद, चंद्रगिरि तीर्थ में जैनाचार्य ने ली अंतिम सांसें

— राजनांदगांव। पर्वराज अष्टमी की अर्द्धरात्रि के बाद श्रमण संस्कृति का सूर्य अस्त हो गया।