- संदेशखाली जाने से रोकने पर जमकर बवाल
- भाजपा के प्रतिनिधिमंडल को भी बंगाल पुलिस ने रोका
(फोटो : अधीर रंजन)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली हिंसा को लेकर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने है। इसमें अब कांग्रेस भी शामिल हो चुकी है। राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी शुक्रवार को संदेशखाली पहुंचे। वहीं रामपुर में पुलिस और कांग्रेस प्रतिनिधियों के बीच झड़प हो गई। हालांकि, इस दौरान अधीर रंजन चौधरी को पुलिस ने संदेशखाली क्षेत्र जाने से रोका तो वह सड़क पर ही धरने में बैठ गए। कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार पर दमन करने का आरोप लगाया।
यह है विवाद
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित गांव संदेशखाली इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
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भाजपा नेताओं को भी रोका, गवर्नर से मिलने पहुंचा प्रतिनिधिमंडल
(फोटो : महिला)
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली भाजपा का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बंगाल पुलिस ने रास्ते में ही रोक दिया। जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अब प्रतिनिधिमंडल के सदस्य राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं। प्रतिनिधिमंडल की सदस्य अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि ‘हम पीड़ितों से मिलने और उन्हें न्याय दिलाने आए हैं, लेकिन पुलिस जिस तरह से हमें रोक रही है अगर ऐसा शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने में तत्परता दिखायी जाती तो ये स्थिति पैदा ही नहीं होती।’
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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा विवाद, सुनवाई बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में संदेशखाली विवाद पर राजनीति गरमायी हुई है। इसे लेकर भाजपा और टीएमसी आमने-सामने हैं। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। दरअसल वकील आलोक अलख श्रीवास्तव ने संदेशखाली के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल (जनहित याचिका) दायर की है और याचिका में मांग की है कि कोर्ट की देखरेख में सीबीआई या एसआईटी की टीम मामले की जांच करें। याचिका में संदेशखाली के पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी मांग की गई है, साथ ही अपनी जिम्मेदारी ठीक तरह से न निभाने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में संदेशखाली मामले की जांच राज्य से बाहर ट्रांसफर करने की भी मांग की है। संदेशखाली मामले की जांच तीन जजों की कमेटी से कराने की मांग भी की गई है। वहीं याचिकाकर्ता द्वारा याचिका को आज सुबह ही ईमेल करने और आज इसे शामिल करने पर नाराजगी जतायी। चीफ जस्टिस ने कहा कि ‘आप हम पर दबाव नहीं बना सकते। हम इसे लिस्ट करेंगे और दोपहर बाद इस पर विचार करेंगे।’
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