बूढ़ा हो रहा भारत… 15 सालों में 77 फीसद होंगे उम्रदराज

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट का खुलासा

नई दिल्ली। युवा कौन हैं? संयुक्त राष्ट्र के हिसाब से तो जिनकी उम्र 15 से 24 साल के बीच है, वो युवा होंगे। लेकिन भारत में युवा उन्हें माना जाता है, जिनकी उम्र 15 से 29 साल के बीच होती है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, भारत दुनिया का ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा युवा रहते हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से इस समय देश की 27 फीसदी से ज्यादा आबादी युवा है।

युवाओं को लेकर एक सरकारी रिपोर्ट सामने आई है। ये रिपोर्ट जारी की है सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय यानी एमओएसपीआई ने। इस रिपोर्ट का नाम ‘यूथ इन इंडिया 2022’ है। इस रिपोर्ट में युवाओं को लेकर आंकड़े दिए गए हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 तक देश की आबादी 136 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया है। इसमें से 27.3% यानी 37.14 करोड़ आबादी युवा है। रिपोर्ट ये भी बताती है कि भारत अब बूढ़ा भी होता जा रहा है। 2036 तक देश में 34.55 करोड़ आबादी ही युवा होगी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि अगले 15 साल में भारत में युवाओं की आबादी कम होने लगेगी और बुजुर्गों की आबादी बढ़ने लगेगी। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2036 तक भारत की आबादी में युवाओं की हिस्सेदारी घटकर 22.7% पर आ जाएगी। यानी, अगले 15 साल में 100 से 77 लोग उम्रदराज होंगे।

2011 में था युवा आबादी का पीक

रिपोर्ट बताती है कि देश में युवाओं की आबादी का पीक 2011 था। उस समय देश की 27.6% से ज्यादा आबादी युवा थी, लेकिन उसके बाद से युवा आबादी में कमी आने लगी है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश और बिहार में 2021 तक युवाओं की आबादी बढ़ रही थी, लेकिन अब इन दोनों राज्यों में भी गिरावट आने का अनुमान है। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में देश की आधी से ज्यादा युवा आबादी रहती है। वहीं, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में युवा आबादी कम है।

युवा आबादी घटने का कारण

फर्टिलिटी रेटः कुछ सालों से फर्टिलिटी रेट में गिरावट आ रही है। फर्टिलिटी रेट यानी एक महिला कितने बच्चों औसतन कितने बच्चों को जन्म देती है। 2011 में फर्टिलिटी रेट 2.4 था, जो 2019 तक घटकर 2.1 पर आ गया।

क्रूड डेथ रेटः भारत में अब डेथ रेट कम होता जा रहा है। क्रूड डेथ रेट का मतलब है कि हर एक हजार लोगों पर कितनी मौतें हो रहीं हैं। 2019 में क्रूड डेथ रेट 6.0 था, जबकि 2011 में ये 7.1 था।

इन्फैंट मोर्टेलिटी रेटः यानी नवजात मृत्यु दर. इससे पता चलता है कि हर 1000 जन्म पर कितने नवजातों की मौत हुई। इन्फैन्ट मोर्टेलिटी रेट भी कम हो रहा है। 2011 में हर 1000 जन्म पर 44 मौतें हो रही थीं, जो 2019 में घटकर 30 पर आ गई।


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