नई दिल्ली। दुनिया में अलग-अलग तरह के कल्चर हैं और उनके अपने-अपने खाने पीने के तरीके. कुछ जगहों पर लोग वेजीटेरियन चीज़ें ज्यादा पसंद करते हैं तो कुछ जगहों पर नॉन वेजिटेरियन कल्चर होता है. हालांकि कीड़े-मकोड़ों को खाने की बात सुनकर हर किसी को थोड़ा झटका तो लगता ही है। आपको जानकर हैरानी होगी कि दक्षिण अफ्रीका के एक स्टार्ट अप के तहत हरे और काले रंग के कीड़ों का इस्तेमाल करके स्नैक्स और चॉकलेट बनाया जा रहा है।
बहुत से लोगों का कहना है कि वे कीड़े को सीधा नहीं खा सकते लेकिन इस तरह के स्नैक्स को आराम से खा लेंगे। साउथ अफ्रीका की कैमिकल इंजीनियर वेंडी वेसेला ने एक तरीका निकाला है, जिससे इन कीड़ों को आटे के रुप में तब्दील किया जा सकेगा और इससे स्नैक्स बनाए जाएंगे। वेंडी अपने इस प्रोडक्ट को लेकर काफी उत्साहित हैं और वे इन्हें पिज्ज़ा टॉपिंग्स के तौर भी पेश करना चाहती हैं।
कीड़े से बनेगी मीठी चॉकलेट और बिस्किट
कैटरपिलर यानि सामान्य भाषा में पेड़ों पर पाई जाने वाली इल्ली को कैमिकल इंजीनियर वेंडी वेसेला एक खास तकनीक का इस्तेमाल करके हरे और काले रंग के कांटेदार कैटरपिलर्स को आटे में तब्दील कर देंगी। इस आटे से बिस्किट, प्रोटीन बार, चॉकलेट, सीरियल्स और शेक या स्मूदी बनाई जा सकेगी। कैटरपिलर्स को मोपेन वर्म भी कहा जाता है। उन्होंने जोहांसबर्ग के अपमार्केट सैंडटन में लगे फूड फेयर में इसे पेश किया तो उन्हें अच्छा रेस्पॉन्स मिला. एक ग्राहक ने कहा कि वो कीड़ा नहीं खाना चाहते लेकिन एक चॉकलेट के तौर पर ये काफी टेस्टी है।
ऑर्गैनिक फूड को मिले ग्राहक भी
वेंडी कहती हैं कि कीड़ों को खाने का विचार लोगों को अब भी घृणा से भर देता है, जबकि कैटरपिलर्स पोषण का बेहतरीन स्रोत हैं। न तो इन्हें उपजाने में पर्यावरण को कोई नुकसान है और न ही इसके लिए अलग से ज़मीन चाहिए। वेंडी को अपने इस ऑर्गैनिक प्रोडक्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्राहक भी मिल चुके हैं। पश्चिमी संस्कृति में धीरे-धीरे कीड़ों से बने खाद्य पदार्थ एक्सेप्ट किए जा रहे हैं।
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