फोटोग्राफी पड़ी महंगी, चित्रकोट वाटरफाल में 5 घंटे फंसे रहे 3 युवक

एसडीआरएफ की टीम ने देर रात रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला

मोटरबोट, लाइट व अन्य उपकरण लेकर चलाया सर्चिंग अभियान- संतोष मार्बल

जगदलपुर

मंगलवार शाम चित्रकोट वाटरफाल के तेज बहाव में बहे तीन युवकों को देर रात रेस्क्यू कर एसडीआरएफ की टीम द्वारा सुरक्षित बाहर निकाला गया। चित्रकोट वाटरफाल के नीचे मिनी गोवा में एक युवक पत्थर में खड़ा होकर वीडियो बना रहा था, इसी दौरान पानी के तेज बहाव से वह बह गया। पास ही मौजूद दो युवक उसे बचाने का प्रयास किए, लेकिन वह भी तेज बहाव में अधिक देर नहीं टिक सके। पत्थर व झाड़ियों के बीच फसें युवकों ने बचाने की गुहार लगाते हुए चिल्ला रहे थे, ग्रामीणों ने इसकी सूचना एसडीआरएफ को दी। जिसके बाद उन्हें रात लगभग 1 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया।

घटना के मुताबिक मंगलवार शाम एसडीआरएफ की को कंट्रोल रूम से चित्रकोट वाटरफाल के पास बने मिनी गोवा नामक स्थान पर तीन लोगों के फंसे होने की सूचना मिली थी। सूचना पर तत्काल वे एसडीआरएफ का टीम व उपकरण के साथ रवाना हो गए। वाटरफाल के उपर से मोटरबोट व अन्य उपकरण के साथ पहुंचकर सर्चिंग अभियान चलाया गया। काफी प्रयास के बाद टीम उस टापू पर पहुंची, जहां तीनों युवक फंसे हुए थे।

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रात एक बजे मिली सफलता

मोटरबोट की मदद से तीनों युवकों को रात लगभग एक बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। सेनानी संतोष कुमार ने बताया कि जगदलपुर निवासी नितीश कुमार कुर्रे (22) वाटरफाल के नीचे मिनी गोवा नामक स्थान पर पत्थर पर खड़े होकर वीडियो बना रहा था, इसी दौरान अचानक पानी बढ़ गया और वह पानी में बह गया। इसी दौरान जगदलपुर के करीब कोहकापाल निवासी चेतन बघेल 23 वर्ष व लखेश्वर बघेल (24) भी वहां मौजूद थे, नितीश को पानी के तेज बहाव में बहते हुए देखकर दोनों ने उसे बचाने पानी में छलांग लगा दी। लेकिन पानी के तेज बहाव में दोनों भी बहने लगे। इस बीच झाडियों के बीच टापू में तीनों किसी तरह पहुंचने में कामयाब हो गए। स्वयं को बचाने के लिए तीनों लोगों की मदद मांगते हुए चिल्लाने लगे उनकी आवाज सुनकर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना पुलिस को दी। जिसके बाद कण्ट्रोल रूम से मिली सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

वर्सन

रबर मोटर बोट भी उपलब्ध कराया

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त महानिदेशक मुख्यालय द्वारा सुरक्षा उपकरणों के साथ रबर मोटर बोट भी उपलब्ध कराया गया है। इसके चलते हम वोट लेकर नीचे उतरने में कामयाब रहे और सुरक्षित फंसे हुए युवकों को निकाल लिया। हेवी बोट होने पर नीचे उतरकर रेस्क्यू अभियान चलाया नहीं जा सकता था।

संतोष कुमार मार्बल , सेनानी, होमगार्ड

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