—मतगणना
543 सीटें—(272 बहुमत)
51 राजनीतिक दल
8360 उम्मीदवार
7 चरणों में मतदान
80 दिन की प्रक्रिया
इंट्रो
सात चरणों में हुए मतदान के बाद अब लोकसभा चुनाव परिणामों की घड़ी आ गई। मंगलवार को सुबह से गिनती शुरू हो जाएगी। दोपहर तक रूझान आने शुरू हो जाएंगे और शाम तक देश के दिग्गजों के भाग्य का फैसला हो जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि सभी मतगणना केंद्रों पर सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होगी। इधर, भाजपा ने 400 पार की उम्मीद लगा रखी है, वहीं विपक्षी गठबंधन भी जीत के दावे कर रहा है।
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नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को कहा कि भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। राजीव कुमार ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षा कर्मी शामिल रहे। कुमार ने कहा, भारत ने इस साल लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व रिकॉर्ड बनाया। निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ मीम में ‘लापता जेंटलमैन’ नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे। उन्होंने कहा, अब मीम बनाने वाले कह सकते हैं कि ‘लापता जेंटलमैन’ वापस आ गए हैं।
कुमार ने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए करीब चार लाख वाहनों, 135 विशेष ट्रेनों और 1,692 उड़ानों का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा, 2024 के आम चुनाव में केवल 39 पुनर्मतदान हुए जबकि 2019 में 540 पुनर्मतदान हुए थे। सीईसी ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में चार दशकों में सबसे अधिक मतदान हुआ- कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत और घाटी में 51.05 प्रतिशत। उन्होंने कहा, 2024 के चुनाव के दौरान नकदी, मुफ्त में बांटी जाने वाली वस्तुओं, ड्रग्स और शराब सहित 10,000 करोड़ रुपये की जब्ती की गई, जबकि 2019 में 3,500 करोड़ रुपये की जब्ती हुई थी।
इधर, मंगलवार को सुबह लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना की शुरुआत होने के साथ ही धीरे-धीरे रुझान सामने आने लगेंगे और फिर अपराह्न होते-होते लगभग यह स्पष्ट हो जाएगा कि क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकार्ड की बराबरी कर लेंगे या फिर साल 2004 की तरह ही कुछ ऐसे चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे, जिसकी उम्मीद विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन कर रहा है। ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का पलड़ा भारी है। इसके अलावा कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना रहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए दांव पर यही है कि उसकी जीत कैसी होती है और किन-किन नए क्षेत्रों में वह अपने पैर पसार पाती है, जबकि राष्ट्रीय क्षितिज पर लगातार कमजोर होते जा रहे विपक्ष के लिए इस चुनाव में सब कुछ दांव पर लगा हुआ है। अंतिम चरण के मतदान के बाद ज्यादातर ‘एग्जिट पोल’ के पूर्वानुमानों में राजग गठबंधन को 400 पार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के करीब दिखाया गया है, वहीं ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए 180 सीटों के आंकड़े तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। अतीत में जाकर हम देखें तो चुनावी फैसलों को सभी राजनीतिक दलों द्वारा स्वीकार किया गया है, हालांकि कभी भी निर्वाचन आयोग पर ऐसे गंभीर आरोप नहीं लगे जैसा कि इस बार के चुनाव में विपक्षी दलों ने उस पर लगाए हैं। मतगणना से पहले, एग्जिट पोल में सत्तारूढ़ गठबंधन की भारी जीत का पूर्वानुमान व्यक्त किये जाने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी खेमों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है। कड़वाहट भरे लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘एक्जिट पोल’ को ‘मोदी मीडिया पोल’ कहकर सरसरी तौर पर खारिज कर दिया है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर संदेह जताते रहे ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं ने प्रधानमंत्री पर इन ‘काल्पनिक’ ‘एग्जिट पोल’ के जरिए नौकरशाही को संकेत भेजने का आरोप लगाया और मतगणना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह करते हुए निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया। अपने जवाबी हमले में, भाजपा ने अपने प्रतिद्वंद्वियों पर भारत की चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है और आयोग से मतों की गिनती के दौरान ‘हिंसा और अशांति’ के किसी भी प्रयास को रोकने के लिए कहा है। बहरहाल, अब तो नतीजे ही बताएंगे कि क्या 2014 के बाद से देशभर में लगातार कमजोर होती जा रही कांग्रेस के संगठन और नेतृत्व में भाजपा को चुनौती देने की क्षमता है। लगातार दो लोकसभा चुनावों में वह मुख्य विपक्षी दल का दर्जा पाने तक में भी विफल रही है और वह कुछ राज्यों तक सिमट कर रह गई है।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्य प्रचारक राहुल गांधी समेत पार्टी नेताओं ने दावा किया है कि 543 सदस्यीय लोकसभा में उनके गठबंधन को 295 सीटें मिलेंगी और इसके साथ ही मोदी युग का अंत हो जाएगा। ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं का दावा है कि उनका गठबंधन जन कल्याण को केंद्र में रखकर और संविधान व आरक्षण पर कथित खतरे के इर्द-गिर्द चुनावी विमर्श को आकार देने में सफल रहा और उसे जनता का समर्थन मिलेगा। भाजपा अगर सत्ता में आती है, तो मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के उस रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे, जिसमें उन्होंने अपनी पार्टी को लगातार तीन चुनावी जीत दिलाई थी। अगर वह विफल होते हैं, तो वह रिकॉर्ड से चूक जाएंगे। विपक्षी दलों ने इस चुनाव में अक्सर यह दलील दी है कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 2004 के तर्ज पर आएंगे। साल 2004 के चुनाव में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा ने ‘फील गुड फैक्टर’ और ‘इंडिया शाइनिंग’ का नारा दिया था और प्रचार माध्यमों से एक ऐसा माहौल बनाया गया था कि वह सत्ता में लौट ही रहे हैं, लेकिन जब नतीजे आए तो उसे हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी।
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पहले डाक मतपत्र, आधे घंटे बाद ईवीएम
डाक मतपत्रों की गिनती शुरू होने के आधे घंटे बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गिनती शुरू होगी। विपक्षी गठबंधन इंडिया के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि चार जून को ईवीएम के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों की गिनती कर उनके परिणाम घोषित किए जाएं। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा, नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं (नियम 54ए) कि डाक मतपत्रों की गिनती पहले शुरू होगी। देश के सभी केंद्रों पर यह पहले शुरू होगी, इसमें कोई संदेह नहीं है। आधे घंटे के बाद हम ईवीएम में दर्ज मतों की गिनती शुरू करते हैं।
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सिक्योरिटी फोर्सेस ने किया फ्लैग मार्च
पूरे भारत में जहां पर भी मतगणना होनी है, वहां पर सिक्योरिटी फोर्सेस और पुलिस बल पहुंच चुका है। संदेशखाली में सिक्योरिटी फोर्सेस ने फ्लैग मार्च निकाला। अहमदाबाद, दिल्ली, लखनऊ और हर जगह सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था है।
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भाजपा ने एक दिन पहले बनाई रणनीति
केंद्रीय मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन और चार जून को होने वाली मतगणना की तैयारियों पर चर्चा करने के लिए सोमवार को एक बैठक की। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में एग्जिट पोल में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की बड़ी जीत की भविष्यवाणी और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन की ओर से कई बैठकों के बाद इस पूर्वानुमान को खारिज करने के बाद मौजूदा राजनीतिक स्थिति का जायजा लिया गया। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, सात चरणों में संपन्न चुनावों पर चर्चा और समीक्षा करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी और कल होने वाली मतगणना पर भी चर्चा की गई। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बैठक में मतदान के सभी सात चरणों के दौरान देखे गए मतदान के पैटर्न पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी भी समीक्षा की गई।’
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कांग्रेस मुख्यालय में भी तैयारियां
लोकसभा चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में तैयारियां जोरों पर हैं। पार्टी मुख्यालय ‘24 अकबर’ रोड के परिसर में टेंट लगाया गया है। वहां कूलर की व्यवस्था भी की गई है। कांग्रेस समर्थक पार्टी की इन तैयारियों को ‘इंडिया’ गठबंधन की जीत की स्थिति में जश्न की तैयारी के रूप में देख रहे हैं। मतगणना मंगलवार सुबह आठ बजे से आरंभ होगी। अधिकतर ‘एग्जिट पोल’ में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिलने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है। अधिकतर सर्वेक्षणों में राजग को 350 से अधिक सीट मिलने की संभावना जताई गई है। अगर असल परिणाम भी एग्जिट पोल के अनुमान के मुताबिक रहते हैं, तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगाता तीसरी बार बड़े बहुमत के साथ सत्ता संभालेंगे।
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