—विवादित एसआई भर्ती मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
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45 दिनों के अंदर प्रक्रिया पूरी करने निर्देश, 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के विवादित और बहुप्रतीक्षित एसआई भर्ती परीक्षा मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने 370 प्लाटून कमांडर महिला अभ्यर्थियों को हटाकर एसआई पद पर पुरुषों की भर्ती करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने 45 दिनों के अंदर यह प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश से एसआई भर्ती परीक्षा को लेकर पुरुष अभ्यर्थियों को राहत मिली है।
इस मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने ये फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को 90 दिनों में नियुक्ति पत्र जारी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही प्लाटून कमांडर की भर्ती में महिला अभ्यर्थियों को हटाकर उनकी जगह वंचित पुरुष अभ्यर्थियों का फिजिकल टेस्ट लेकर मेरिट के आधार पर नियुक्ति आदेश जारी करने कहा है। यह पूरी प्रक्रिया को 45 दिनों में पूरा करने के निर्देश भी कोर्ट ने दिया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने एसआई, प्लाटून कमांडर, सूबेदार भर्ती परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
मेरिट सूची में शामिल उम्मीदवारों ने भी हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की थी और हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। हाईकोर्ट ने सोमवार को मामले में फैसला सुनाते हुए यह भी कहा है कि प्लाटून कमांडर की भर्ती के लिए मेरिट सूची में महिलाओं को शामिल करना गलत है। लिहाजा महिला उम्मीदवारों का नाम हटाकर उनकी जगह पुरुष उम्मीदवारों को शामिल किया जाए।
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याचिका में अनियमितता के आरोप——
पुलिस विभाग में सूबेदार, सब इंस्पेक्टर, प्लाटून कमांडर समेत अन्य 975 पदों पर भर्ती के लिए सितंबर 2021 में विज्ञापन जारी किया गया था। इसमें से प्लाटून कमांडर के 247 पदों पर भर्ती होनी थी। विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि महिला उम्मीदवार प्लाटून कमांडर के लिए पात्र नहीं होंगी। 16 मई 2023 को मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई है। इसमें प्लाटून कमांडर और अन्य पद मिलाकर 370 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। इसके बाद मैरिट सूची से वंचित कैंडिडेट्स ने हाईकोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की। इसमें भर्ती में अनियमितता सहित नियमों का पालन नहीं करने के आरोप लगाए गए।
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मैरिट सूची को दी गई थी चुनौती
याचिका में मैरिट सूची को चुनौती देते हुए कहा गया कि 975 पदों में से 247 पद प्लाटून कमांडर के थे। मेरिट सूची में 20 गुना अभ्यर्थी यानी कि 14560 होने चाहिए। इसी तरह प्लाटून कमांडर के लिए 247 गुना यानी 4940 अभ्यर्थी शामिल होने चाहिए। लेकिन वर्तमान भर्ती प्रक्रिया में 975 गुना 20 के अनुसार अभ्यर्थियों के नाम मुख्य परीक्षा के लिए पात्र सूची में शामिल हैं, यह मनमाना व अवैध है। यह भी कहा गया कि सूची में 6013 महिला अभ्यर्थियों के नाम शामिल हैं। अगर सही प्रक्रिया का पालन होता तो 4368 महिलाओं के नाम ही शामिल होते। वहीं, प्लाटून कमांडर पद के लिए महिलाएं पात्र नहीं थी लेकिन फिर भी उन्हें मैरिट लिस्ट में शामिल किया गया।
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दावा-आपत्ति निराकरण बगैर सूची जारी——
छत्तीसगढ़ व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं ने 26 मई 2023 से 29 मई 2023 तक मुख्य परीक्षा आयोजित की थी। 5 जून 2023 को पहला मॉडल आंसर जारी किया गया और 7 जून 2024 तक दावा-आपत्ति मंगाई गई। जिस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति प्रस्तुत की थी।
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