एआई में महारत की चाहत, दुनियाभर से भारत आ रहे हैं एमबीए स्टूडेंट्स

-जीएमएसी की तरफ से ‘प्रॉस्पेक्टिव स्टूडेंट्स सर्वे 2024’ की रिपोर्ट

नई दिल्ली। दुनियाभर में मास्टर्स ऑफ बिजनस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीआई) के 40% स्टूटेंड्स का फोकस अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) हो गया है। उनका एक बड़ा हिस्सा भारत के मैनेजमेंट संस्थानों का रुख कर रहा है, खासकर एआई में महारत हासिल करने के लक्ष्य से। इनका एक हिस्सा चीन की तरफ भी आकर्षित हो रहा है। आंकडे़ बताते हैं कि भारतीय संस्थानों से एमबीए करने के इच्छुक उम्मीदवारों में 57 प्रतिशत की चाहत एआई में ग्रैजुएट होने की है तो चीन में यह आंकड़ा 51% है।

ये बातें जीएमएसी (ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन काउंसिल) की तरफ से ‘प्रॉस्पेक्टिव स्टूडेंट्स सर्वे 2024’ रिपोर्ट में सामने आईं। सर्वेक्षण से पता चला है कि मैनेजमेंट स्टडी के इच्छुक स्टूडेंट्स तेजी से जेनरेटिव एआई जैसी परिवर्तनकारी तकनीकों की तरफ आकर्षित हो रहे हैं, जिसमें सालाना 38% की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है। ऐसे स्टूडेंट्स का बड़ा बहुमत मानता है कि एआई के बिना उनकी पढ़ाई का बहुत महत्व नहीं रहा जाता है। इसके साथ ही, एसटीईएम (साइंस, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) सर्टिफाइड बिजनस प्रोग्राम्स के प्रति वैश्विक रुचि में समानांतर वृद्धि हुई है। यह पिछले पांच वर्षों में 38% की वृद्धि दर्ज कर रहा है, खासकर एशिया में जो भारत और चीन में बढ़ती मांग से प्रेरित है।

आकर्षण का केंद्र

भारत में एस्पिरेंट्स के बीच स्टेम सर्टिफाइड प्रोग्राम्स की प्राथमिकता 2019 में 43% से बढ़कर 2023 में 57% हो गई है और चीन में 35% से 51% हो गई है। इसके अलावा, सर्वेक्षण इस बात को रेखांकित करता है कि दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थानों से एमबीए डिग्री हासिल करने के इच्छुक भारतीयों के लिए अमेरिका (77%) और पश्चिमी यूरोप (63%) आकर्षण का केंद्र हैं जबकि कम खर्च पर डिग्री लेने की प्राथमिकता वालों के लिए मध्य और दक्षिण एशिया (55%) पसंदीदा जगह हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण संस्थानों के सामर्थ्य और ऐसे संस्थानों की संक्या में वृद्धि के कारण दुनियाभर के छात्र आकर्षित होते हैं। उदाहरण के लिए, अधिकांश भारतीय स्टूडेंट्स देसी संस्थानों में ही अप्लाई करने की सोच रहे हैं, जो 2022 में 41% से बढ़कर 2023 में 53% हो गया है।

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