मां अंगारमोती के मंदिर में उमड़ी भारी भीड़
धमतरी। संतान का आशीर्वाद पाने के लिए सैकड़ों महिलाएं मां अंगारमोती के दरबार में पहुंचीं। खुले सिर और नारियल हाथ में लेकर महिलाएं कतारबद्ध होकर जमीन पर लेट गईं। इसके बाद मां अंगारमोती सहित अन्य देवी-देवताओं की डांग-डंगनी लेकर मुख्य पुजारी उनके उपर से खाली पैर गुजरे और माता का आशीर्वाद दिया।
धमतरी से 11 किमी दूर गंगरेल बांध के किनारे मां अंगारमोती मंदिर है। इस मंदिर से केवल धमतरी क्षेत्र के ही नहीं, दूर-दूर के श्रद्धालुओं की भी आस्था जुड़ी है। शुक्रवार को मां अंगारमोती के दरबार में मड़ई का आयोजन किया गया। विस चुनाव होने के बाद भी यहां जमकर भीड़ देखने को मिली। श्रद्धा और आस्था के संगम इस मंदिर में आदिवासी संस्कृति और परंपरा से जुड़े कई अनुष्ठान हुए। इसी में से एक अनुष्ठान परन परना है, जिसमें महिलाओं को संतान प्राप्ति के लिए विशेष पूजा करवाई गई। अंचल की यह पहली मड़ई है। मां अंगार मोती के दरबार में मड़ई का आयोजन होने के बाद जिले के अन्य गांवों में मड़ई-मेले की शुरूआत होती है।
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दिवाली के बाद पहले शुक्रवार को मड़ई
जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर गंगरेल बांध के किनारे मां अंगारमोती विराजित हैं, जिनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। मान्यता के अनुसार दिवाली के बाद आने वाले पहले शुक्रवार को यहां मड़ई का आयोजन किया जाता है। इसके बाद ही अंचल के अन्य गांवों में मड़ई मेले के आयोजन का सिलसिला शुरु होता है। साल की पहली मड़ई होने के कारण यहां शहर समेत गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।
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52 गांवों के देवी-देवता
मड़ई का मुख्य आकर्षण 52 गांवों से पहुंचने वाले देवी-देवता रहते हैं, जिन्हें विधि-विधान के साथ मां अंगारमोती के दरबार में आमंत्रित किया जाता है। इन देवी-देवताओं के साथ आंगा देवता भी आते हैं।
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