फोर्स में भर्ती, नक्सल फरमान के बाद तीन परिवारों ने छोड़ा गांव

—नक्सलगढ़ के युवाओं को फोर्स में भर्ती होना महंगा पड़ा

बीजापुर जिला छोड़ पूर्वजों के गांव दंतेवाड़ा में लिया आश्रय

फोटो नक्सली फरमान

बीजापुर/ जगदलपुर

बीजापुर जिले के अंदरूनी क्षेत्र के युवा इस समय देश सेवा के उद्देश्य से बड़ी संख्या में फोर्स में शामिल हो रहे हैं। फोर्स में शामिल होने वाले युवाओं के परिवार पर नक्सलियों की नजर रहती है। ऐसे ही तीन परिवारों को नक्सलियों ने गांव छोड़ने का फरमान जारी किया, जिसके बाद परिवारजन अपने सामान समेत दंतेवाड़ा जिले के लिए रवाना हो चुके हैं।

ताजा मामला बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के दरभा गांव का है। यहां के तीन युवक हाल ही में सीआरपीएफ 80 बटालियन में भर्ती होने के बाद ट्रेनिंग ले रहे हैं। इस बात का पता लगते ही नक्सलियों ने तीनों के परिवार को गांव छोडने का फरमान जारी किया है। नक्सली फरमान के बाद दो परिवार अपने सामान समेत दंतेवाड़ा जिले के लिए रवाना हो चुके है। इन परिवारों का कसूर केवल इतना है कि इनके यहां के तीन युवक सीआरपीएफ में भर्ती होकर प्रशिक्षण ले रहे है। तीनों युवा कुटरू थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित दरभा गांव के हैं, जहां नक्सलियों का दखल हमेशा रहता है। जानकारी अनुसार नक्सलियों ने दो परिवार को अपना घर गांव खेती छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया है। दोनों परिवार के 11 सदस्य सामान समेट कर एक वाहन में सुरक्षित दंतेवाड़ा जिले टिकनपाल गांव के लिए निकल चुके हैं।

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खेती-बाड़ी भी छोड़नी पड़ी

परिजनों को अपने सामान के अलावा खेती बाड़ी भी छोड़ना पड़ा है, लेकिन नक्सली फरमान के बाद जान बचाना भी जरूरी था। अगर नक्सली फरमान नहीं मानते है तो जान से हाथ धोना भी पड़ सकता है। इन्हीं मजबूरी के चलते इन परिवारों ने गांव छोड़ने का फैसला लिया है।

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जंगल ले जाकर दी धमकी

नक्सलियों ने परिवार के एक युवा सदस्य को रस्सी से बांधकर जंगल की तरफ ले जाकर गांव छोड़ने व खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी है। बीती रात 30- 35 हथियार बंद नक्सलियों ने फोर्स में भर्ती परिवार के मुखिया को बंधक बनाकर जंगल ले गये। जंगल में मीटिंग कर गांव छोड़ने कहा और उन्हें खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी। नक्सली अल्टिमेटम के बाद जहां दो परिवार सामान के साथ जान बचाने के लिए दंतेवाड़ा जाने के लिए गांव छोड़ दिया है। दो परिवार के करीब 11 सदस्य गांव छोड़ कर दो पिकअप में सामानों को लादकर गांव से रवाना हो चुके हैं, वहीं एक अन्य परिवार के सदस्य ने कहां आश्रय लिया, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है। सीआरपीएफ में भर्ती तीन युवकों में एक युवक की पत्नी ने कहा कि पति सीआरपीएफ में कब भर्ती हुए, मुझे नहीं मालूम। लेकिन माओवादियों को इसकी जानकारी थी, जिसके बाद उन्हें गांव छोड़ने फरमान जारी किया गया।

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पूर्वजों के गांव में लिया आश्रय

जिन परिवारों ने बीजापुर के दरभा गांव को छोड़ा है, इनके पूर्वज पूर्व से ही दंतेवाड़ा जिले में रहते थे। वहीं नक्सली धमकी के बाद परिवार अपने पूर्वजों के गांव में लौट चुका है, उन्हें जबरन रोका भी नहीं जा सकता है। नक्सली फोर्स में भर्ती होने वाले परिवार को शक की नजर से देखते हैं। क्षेत्र में हो रहे लगातार विकास कार्य व युवाओं के फोर्स के प्रति रुचि से नक्सली भयभीत हैं।

सुंदरराज पी, आईजी, बस्तर

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