- जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद किया गया था खत्म
-कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार का नया एजेंडा तैयार किया है पाकिस्तान ने
-दुनिया भर में पाकिस्तानी राजदूत करेंगे भारत विरोधी प्रचार
नई दिल्ली। पाकिस्तान के नापाक मंसूबे एक बार फिर सामने आए हैं। कश्मीर को लेकर बार बार मुंह की खाने के बाद भी वह सुधरने को तैयार नहीं है। अब अनुच्छेद 370 की समाप्ति के तीन वर्ष पूरे होने के मौके पर उसने कश्मीर टूलकिट तैयार किया है। इसमें कश्मीर को लेकर उसके दुष्प्रचार का एजेंडा है। पाकिस्तान की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों का यह टूलकिट हाल ही में सामने आया है। तीन साल पहले यानी 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला संविधान का अनुच्छेद 370 खत्म कर दिया था। इसके बाद जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में परिवर्तित कर दिया गया था।
कश्मीरी बंधुओं के साथ हैं हम : टूलकिट
पाकिस्तान द्वारा तैयार टूलकिट में कहा गया है कि वह कश्मीरी भाइयों के खास मकसद के लिए उनके साथ कंधे से कंधा लड़ाकर होकर खड़ा है। पाकिस्तान कश्मीरियों की जायज मांग के लिए उनके साथ है। 13 पेज के इस भारत विरोधी दस्तावेज ‘टूलकिट’ में 5 अगस्त को ‘कश्मीर का काला दिन’ के रूप में मनाने और ‘घाटी की आजादी’ का आह्वान किया गया।
टूलकिट की बड़ी बातें
पाक के नापाक एजेंडे में ‘कश्मीर ब्लैक डे’ और ‘कश्मीर इंडिपेंडेंस’ जैसे हैशटैग से सोशल मीडिया में मुहिम चलाने का आह्वान किया गया है। पाक टूलकिट के अनुसार, चीन, बेल्जियम, जापान, यूक्रेन, बर्मिंघम, दुबई, ऑस्ट्रेलिया, इटली, डेनमार्क और जर्मनी में पाकिस्तान के दूतावास सोशल मीडिया पर इसे साझा करेंगे। पाक डोजियर में कहा गया है कि भारत ने 5 अगस्त को एकतरफा और अवैध तरीके से अनुच्छेद 370 खत्म किया।
पाकिस्तान सहित ओआईसी ने जताई आपत्ति
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के तीन साल पूरे होने पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) ने भारत सरकार को कठघरे में खड़ा किया। ओआईसी ने सिलसिलेवार ट्वीट कर 370 हटाने को अवैध व एकतरफा कार्रवाई करार दिया। ओआईसी ने कहा कि हम कश्मीरी लोगों के आत्म निर्णय के उनके वैध अधिकारों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं। इस मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी भारत पर निशाना साधते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर के विवादित मामले की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को बदलना और कब्जे वाले कश्मीर की डेमोग्राफिक संरचना में बदलाव करना है। उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर विवाद बाधाओं के खिलाफ उम्मीदों, डर के खिलाफ साहस और तानाशाही के खिलाफ बलिदान की लड़ाई बन गई है।
श्रीनगर में पीडीपी ने किया प्रदर्शन
फैसले के विरोध में पीडीपी ने श्रीनगर में शुक्रवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान पीडीपी प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने नारेबाजी करते हुए कहा, ‘काले दिन का काला फैसला नहीं चलेगा, कश्मीर का मसला हल करो।’ मीडिया को संबोधित करते हुए पीडीपी प्रमुख ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वो तिरंगे को भगवे में तब्दील करना चाहती है।
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कश्मीर में हिंसक घटनाओं में आई 88 प्रतिशत कमी
पुलिस का दावा, 370 हटने के बाद…
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के आज तीन साल पूरे हो गए हैं। धारा 370 हटाने के बाद के बाद आतंकी घटनाओं में कमी आई है। इसके साथ ही लॉ एंड ऑर्डर की घटना में किसी भी नागरिक और जवान की मौत नहीं हुई है। आतंकी घटनाओं में आम लोगों की मौतों की संख्या में भी कमी आई है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने धारा 370 के निरस्तीकरण के पहले और बाद के 3 साल की घटनाओं की तुलना करते हुए जानकारी दी है कि कश्मीर जोन में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। पुलिस ने इन मामलों को छह कैटेगरी में बांटा है।
इनमें लॉ एंड ऑर्डर की घटनाएं जो 5 अगस्त 2016 से 4 अगस्त 2019 के बीच में 3686 हुई थीं, 5 अगस्त 2019 से 4 अगस्त 2022 के बीच में सिर्फ 438 ही हुईं। अर्थात जम्मू कश्मीर के 370 से आजादी के तीन साल पहले और तीन साल बाद की घटनाओं के आंकड़ों से साफ है हिंसा में 88 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। इसके अलावा लॉ एंड ऑर्डर की घटनाओं में 370 हटाए जाने से तीन साल पहले 124 नागरिकों की मौत हुई थी, जो स्पेशल स्टेटस हटाए जाने के बाद शून्य हो गईं। इसके अलावा ऐसी घटनाओं में छह जवान भी शहीद हुए थे, लेकिन 2019 के बाद किसी भी जवान की मौत नहीं हुई है।
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