महंगाई को लेकर गरमाया सदन, सीतारमण ने दी सफाई

नई दिल्ली। महंगाई ने लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में दाल-दूध-दही जैसे खाद्य पदार्थों पर पांच फीसदी जीएसटी ने महंगाई के मुद्दे को गरमा दिया है। मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों ​महंगाई और मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने सदन में तख्तियां लहराईं। इस बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार 14 ट्वीट कर पांच फीसदी जीएसटी के मुद्दे पर सफाई दी।


संसद के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन भी लोकसभा में कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने महंगाई, अग्निपथ योजना, जीएसटी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भारी शोर-शराबा किया जिसके कारण मंगलवार को सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो पीठासीन सभापति किरीटभाई सोलंकी ने आवश्यक दस्तावेज सभापटल पर रखवाए। इस दौरान विपक्षी सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थानों पर बैठने का आग्रह करते हुए सोलंकी ने कहा, यह सदन चर्चा के लिए है। आप सभी को गरिमापूर्ण चर्चा करनी चाहिए। कई सदस्य अपने प्रश्न उठाना चाहते हैं, शून्यकाल में अपने विषय उठाना चाहते हैं। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने करीब 2:05 बजे बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले आज सुबह निचले सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने प्रश्न पूछे और संबंधित मंत्रियों ने जवाब दिये। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने, बेरोजगारी जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था। लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए कहा, आप (विपक्षी सदस्य) सदन के भीतर चर्चा नहीं करते और बाहर इन मुद्दों को उठाते रहते हैं, ऐसा दौहरा रवैया नहीं चलेगा। उन्होंने कहा, आप सदन के बाहर किसानों-महंगाई की बात करते हैं लेकिन सदन में किसानों-महंगाई के मुद्दे पर चर्चा नहीं करते। बिरला ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र में महंगाई पर चर्चा के लिए समय दिया था लेकिन विपक्ष ने तब महंगाई पर चर्चा ही नहीं की। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज भी विपक्षी सदस्यों के किसानों के मुद्दों पर प्रश्न सूचीबद्ध हैं लेकिन वे (विपक्षी सदस्य) सवाल करने की बजाए हंगामा कर रहे हैं। उन्होंने सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लेकर आना नियमानुसार उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सदस्य अपने हाथ में नियम-पुस्तिका को सिर्फ रखें ही नहीं बल्कि उस किताब को पढ़ें भी। शोर-शराबा थमता नहीं देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 15 मिनट बाद बैठक अपराह्न 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी।

कांग्रेस समेत विपक्ष के नेता रहे शामिल

महंगाई के ख़िलाफ़ संसद परिसर में हुए विपक्ष के प्रदर्शन में कांग्रेस के बढ़-चढ़ कर हिस्सेदारी की। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी समेत मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी, शशी थरूर, शक्ति सिंह गोहिल, रंजीत रंजन और प्रमोद तिवारी जैसे सांसदों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया। संसद भवन परिसर में गांधीजी की प्रतिमा के सामने जीएसटी, रसोई गैस सिलेंडर सहित अन्य वस्तुओं की बढ़ी हुई कीमतों के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन में कांग्रेस सांसदों के अलावा समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी सहित टीएमसी और वामपंथी दलों के नेता भी शामिल रहे।

दोनों सदनों में महंगाई की गूंज

मानसून सत्र के दूसरे दिन दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने महंगाई, जीएसटी दरों में बढ़ोतरी और अग्निपथ योजना समेत कई मुद्दों पर सरकार को आड़े हाथ लिया। विपक्षी दलों ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की थी। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य विपक्षी सदस्यों ने सशस्त्र बलों के लिए अग्निपथ भर्ती योजना, जीएसटी में वृद्धि, मूल्य वृद्धि और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नोटिस दिया था, लेकिन विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया।


आम आदमी पर महंगाई का असर

जीएसटी काउंसिल के फैसले लागू होने के बाद 18 जुलाई से कई खाद्य वस्तुएं महंगी हो गई है। इनमें पहले से पैक और लेबल वाले खाद्य पदार्थ जैसे आटा, पनीर और दही शामिल हैं। इन पर अब 5फीसदी जीएसटी देना होगा। इसी तरह 5 हजार रुपये से अधिक किरायेवाले अस्पताल के कमरों पर भी जीएसटी देना होगा। इसके अलावा एक हजार रुपए प्रतिदिन से कम रेंट वाले होटल के कमरों पर 12फीसदी जीएसटी देना होगा। पांच फीसदी का भार आम आदमी पर भारी पड़ रहा है। दही, लस्सी और छाछ, पनीर , सभी तरह के गुड़, खांडसारी शुगर, नेचुरल हनी, मुरमुरे, चूड़ा, छेना, चावल, गेहूं, राई, जौ, आटा आदि पर टैक्स लग रहा है।

राहुल बोले- सरकार को देना होगा जवाब

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया है। राहुल ने कीमतों में बढ़ोतरी, जीएसटी दरों में वृद्धि और रुपए के मूल्यह्रास के मुद्दों पर सरकार पर हमला किया। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से संसद में सवालों के जवाब ना देना और सवालों से भागना असंसदीय है। प्रधानमंत्री कई शब्दों को ‘असंसदीय’ घोषित करके विपक्ष को चुप कराने की कितनी भी कोशिश करें, उन्हें इन मुद्दों पर जवाब देना होगा। डालर की कीमत पहली बार 80 रुपये के पार जाने पर भी उन्होंने सरकार को घेरा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, रुपया पहुंचा 80 पार, गैस वाला मांगे हजार, जून में 1.3 करोड़ बेरोजगार, अनाज पर भी जीएसटी का भार।

केंद्रीय मंत्री बोलीं- राज्यों की सहमति से जीएसटी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्यों समेत सभी राज्यों से मंजूरी मिलने के बाद आटा समेत अन्य वस्तुओं पर पांच प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर लगाया गया है। दूध, दही और आटा जैसे दैनिक इस्तेमाल के उत्पादों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने को लेकर आलोचनाओं के बीच सीतारमण ने यह बयान दिया है। उन्होंने लगातार 14 ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि गैर-भाजपा शासित राज्य पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल ने पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने पर सहमति जताई थी। सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है कि जीएसटी व्यवस्था से पहले राज्य खाद्यान्न पर बिक्री कर या वैट लगाते थे। अनाज, आटा, दही और लस्सी पर जीएसटी लगाने का उद्देश्य कर चोरी पर लगाम लगाना है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय जीएसटी परिषद की बैठक में आम सहमति से लिया गया है। इस बैठक में सभी राज्य शामिल थे। केंद्रीय वित्त मंत्री की तरफ से यह बयान दरअसल संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिनों में कोई काम-काज नहीं होने के बीच आया है। विपक्षी पार्टियां रोजमर्रा इस्तेमाल के उत्पादों पर जीएसटी लगाने समेत अन्य मुद्दों पर संसद में जोरदार विरोध कर रही हैं।

पहली बार रुपया 80 पार

रुपया मंगलवार को पहली बार 80 रुपए प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर गया है। रुपये में पिछले एक वर्ष के दौरान लगभग सात प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मुद्रा मंगलवार को अपने पिछले कारोबारी दिन की तुलना में 79.9775 से गिरकर मंगलवार को शुरूआती बाजार में 80.0175 रुपये प्रति डॉलर पर ट्रेड कर रहा है। बाजार के जानकारों के अनुसार रुपया मंगलवार को 79.85 से 80.15 के रेंज के बीच कारोबार कर सकता है।

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