–दो साल की सजा बरकरार
पटियाला। पंजाब स्थित पटियाला की अदालत ने पंजाबी गायक दलेर मेहंदी को मानव तस्करी (कबूतरबाजी) मामले में मिली दो साल की सजा के खिलाफ दायर अपील बृहस्पतिवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एच.एस.ग्रेवाल द्वारा याचिका खारिज किए जाने के बाद पुलिस ने मेहंदी को हिरासत में ले लिया। अब उनका चिकित्सा परीक्षण कराया जाएगा। पटियाला की अदालत ने वर्ष 2003 में दर्ज मानव तस्करी के मामले में मार्च 2018 को मेहंदी को दो साल कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। मेहंदी को मुचलके पर रिहा कर दिया गया था। पुलिस ने बख्शीश सिंह नामक व्यक्ति की शिकायत पर मेहंदी और उनके भाई शमशेर मेहंदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। करीब 30 और शिकायतकर्ताओं ने भी मेहंदी बंधुओं पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। उनका आरोप था कि दोनों भाइयों ने उन्हें गैर कानूनी तरीके से अमेरिका पहुंचाने के लिए ‘रुपए’ लिए थे, लेकिन वादे के अनुरूप अमेरिका पहुंचाने में असफल रहे थे। वहीं, जिस मामले में यह सजा हुई है, उसके शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि गायक ने उसे कनाडा पहुंचाने के लिए रुपये लिए थे। आरोप है कि मेहंदी बंधु वर्ष 1998 और 1999 के दौरान दो मंडलियों के साथ अमेरिका गए थे, जिनमें से करीब 10 लोगों को ‘गैर कानूनी’ रूप से अमेरिका में छोड़ दिया गया था।
क्या थे आरोप?
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि दलेर मेहंदी म्यूजिक के चक्कर में कुछ लोगों को अमेरिका लेकर गए थे। बताया जा रहा है कि 10 लोगों को मानव तस्करी के माध्यम से गैर कानूनी तरीके से अमेरिका ले गए थे, साथ ही कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर भेजने के लिए पैसे ले भी लिए थे और उन्हें बाहर भी नहीं भेजा गया। आरोप है कि ना तो उन्हें बाहर भेजा गया और ना ही पैसे वापस दिए। साथ ही आरोप ये भी लगाए गए थे कि विदेश भेजने के लिए कबूतरबाजी का सहारा लिया गया था। उन्हें म्यूजिकल कॉस्टर्ट्स को लेकर वहां भेजा गया था। इसके साथ ही दलेर मेहंदी के भाई शमशेर मेहंदी भी इस मामले में आरोपी हैं।
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क्या होती है कबूतरबाजी?
पंजाब में कबूतरबाजी का मतलब होता है लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेजने का धंधा। यह धंधा पंजाब ही नहीं, देश के कई हिस्सों में अलग-अलग नामों से सालों से जारी है। पंजाब में वहां के युवाओं को अलग अलग तरीकों से विदेश भेजा जाता है। पंजाब में विदेश जाकर कमाने और वहां बसने या फिर अपने देश लौटने का किस्सा नया नहीं है। ऐसे में वहां के युवाओं को शिफ्ट करवाने के लिए बिचौलिए अलग-अलग तरीके से इस काम में लिप्त हैं।

