-16 बागी विधायकों और राज्यपाल के फैसले को लेकर हुई सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में 16 बागी विधायकों और राज्यपाल के फैसले को लेकर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई में महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष से उद्धव ठाकरे के धड़े के 16 बागी विधायकों वाले मामले में कोई फैसला लेने से मना किया है। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र राज्यपाल की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल को उनके निर्देश विधानसभा के नए अध्यक्ष तक पहुंचाने को कहा है। बता दें, उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों वाले गुट की ओर से दो याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र में विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुनवाई से पहले वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा में कल यानी मंगलवार को विधायकों की अयोग्यता वाले मामले में सुनवाई होगी। सिब्बल ने कहा कि अगर कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी तो विधानसभा में मामला खारिज कर दिया जाएगा. इस पर चीफ जस्टिस ने स्पीकर को इस मामले में अभी फैसला नहीं लेने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बेंच का गठन तुरंत नहीं हो सकता।
दो याचिकाएं
दरअसल, उद्धव ठाकरे और उनके समर्थकों वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दी थी। पहला मामला 16 बागी विधायकों से जुड़ा था और दूसरी याचिका राज्यपाल के उस फैसले के खिलाफ था जिसमें राज्यपाल ने वर्तमान में महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था।इन दोनों मुद्दों पर सोमवार को सुप्रीम में सुनवाई हुई।
वैधता को भी चुनौती
उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने तीन और चार जुलाई को हुई महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही की वैधता को भी चुनौती दी है, जिसमें विधानसभा के नए अध्यक्ष का चयन किया गया था और इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शक्ति परीक्षण में बहुमत साबित किया था। उच्चतम न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने 27 जून को शिंदे गुट को राहत प्रदान करते हुए 16 बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता नोटिस पर जवाब देने की अवधि 12 जुलाई तक बढ़ा दी थी। महाराष्ट्र के राज्यपाल के शक्ति परीक्षण का आदेश देने के बाद 29 जून को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार ने शीर्ष अदालत का रुख किया था।
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