—मौसम का कहर, कई लोग लापता, रेस्क्यू में जुटीं एनडीआरएफ-आईटीबीपी की टीमें
—शाम 5:30 बजे अचानक बदला मौसम
—बाढ़ की चपेट में अमरनाथ यात्रियों के लंगर और तंबू
10 से 15 हजार श्रद्धालु गुफा के पास थे मौजूद
35 से 40 हजार अमरनाथ यात्रियों के फंसे होने की खबर
25 टेंट और लंगर बाढ़ में बह गए
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से अफरा-तफरी मच गई। यह घटना शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई। गुफा से करीब दो किमी दूर हुए हादसे में 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। बाढ़ की चपेट में श्रद्धालुओं के लंगर और तंबू आ गए हैं। 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं के फंसे होने है। अमरनाथ यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। रेस्क्यू में एनडीआरएफ-आईटीबीपी की टीमें जुटी हुई हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल से हालात की जानकारी ली।
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दक्षिण कश्मीर स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के आधार शिविर के पास शुक्रवार को बादल फट गया। भारी बारिश के बाद, गुफा के पास शाम साढ़े पांच बजे के आसपास बादल फटा। अचानक आए पानी से कुछ लंगर प्रभावित हुए जिसके कारण पुलिस और नगर प्रशासन को बचाव अभियान चलाना पड़ा। इस हादसे में पांच लोगों की मौत की खबर है। इसके अलावा कई लोगों के लापता होने की भी जानकारी दी गई है। हालांकि कितने लोगों की मौत हुई या कितने लापता हुए हैं, इसकी आधिकारिक संख्या सामने नहीं आई है। जम्मू कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने दो मौतों की पुष्टि की है। हादसे के दौरान गुफा के पास हजारों लोग मौजूद रहे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के संबंध में जानकारी देते हुए एनडीआरएफ के डीजी अतुल गढ़वाल ने बताया कि एक टीम पवित्र गुफा के पास ही है। उन्होंने बताया कि बादल फटने की घटना अमरनाथ गुफा के एक से दो किलोमीटर के दायरे में हुई। पहाड़ों से तेज बहाव के साथ आए पानी से श्रद्धालुओं के लिए लगाए गए करीब 25 टेंट और दो लंगर बह गए। कई लोगों का सामान खराब हो गया। आज करीब आज करीब 8-10 हजार लोग यात्रा के लिए शामिल थे। इसी बीच ये घटना हो गई है।
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पैरामिलिट्री सहित हेलिकॉप्टर तैनात
घटनास्थल पर पैरामिलिट्री के जवान भी हैं। वहां हेलीपेड भी हैं। घायलों को वहां से भेजा जाएगा। मौसम खराब होने की वजह से घायलों को सुरक्षित यात्रा करवाने के लिए जम्मू कश्मीर की पुलिस भी तैनात है। बीएसएफ, सीआरपी की मेडिकल टीमें भी वहां मौजूद हैं।
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लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बादल फटने के बाद सैलाब टैंटों के बीच से बहने लगा था। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच हाहाकार मच गया। इसकी चपेट में कई लोग आ गए थे। बालटाल का रास्ते पर भी टीम लगाई गई और वहां मौजूद सभी लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश की जा रही है। टीमें वहां देख रही हैं कि लोग बह तो नहीं गए।
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रेस्क्यू में मौसम भी बना चुनौती
एनडीआरएफ के डीजी गढ़वाल ने बताया कि रेस्क्यू को लेकर चुनौती मौसम की है। वहां की भौगोलिक स्थिति और ऊंचाई की भी चुनौती होगी, लेकिन हमारे जवान काफी प्रशिक्षित हैं उन्हें कोई समस्या नहीं होगी। रेस्क्यू के बाद लोगों को वहां काफी कैंप हैं, रेस्क्यू के बाद लोगों को वहीं लेकर जाएंगे।
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शाह ने उपराज्यपाल से की बात
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। जानकारी के अनुसार, प्रशासन की टीम बादल फटने के बाद की स्थिति का आकलन कर रही है। फिलहाल नुकसान की आधिकारिक सूचना नहीं है।
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