कोलंबो। श्रीलंका में अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को लेकर राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने यहां राष्ट्रपति सचिवालय के सभी प्रवेश द्वार को बंद कर दिया, जिसके बाद पुलिस ने सोमवार को एक बौद्ध भिक्षु, और चार महिलाओं सहित 21 लोगों को गिरफ्तार किया।
पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात को राष्ट्रपति सचिवालय के प्रवेश द्वार के अलावा दो प्रवेश बिंदुओं को भी बंद कर दिया था, जिसे वे नौ अप्रैल से लगातार अवरुद्ध कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की वित्त मंत्रालय और सरकारी खजाने तक पहुंच प्रदान करने वाले दो गेट को अवरुद्ध करने की ये नयी कार्रवाई अनावश्यक थी। पुलिस दोनों गेट को खाली कराना चाहती है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की टीम वित्त मंत्रालय का दौरा करने वाली है।
श्रीलंका में वर्तमान में लगभग 2.2 करोड़ लोगों का परिवार 70 से अधिक वर्षों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका की अर्थव्यवस्था अत्यधिक ईंधन की कमी, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों और दवाओं की कमी का सामना कर रही है। श्रीलंका अपने इतिहास में पहली बार कर्ज को नहीं चुका पाया क्योंकि देश 70 से अधिक वर्षों में सबसे खराब वित्तीय संकट से जूझ रहा है।
प्रदर्शन का 73वां दिन
बता दें, गाले फेस में प्रदर्शन स्थल गोटागोगामा में प्रदर्शन सोमवार को 73वें दिन में प्रवेश कर गया। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर गोटागोगामा पर विरोध नौ अप्रैल को शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारी अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं, जिससे वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं और देश का भंडार गिरकर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
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