जमीयत की मांग खारिज, योगी के बुलडोजर पर फिलहाल रोक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले में मांगा यूपी सरकार से 3 दिन में जवाब

  • नोटिस देकर नियमानुसार कार्रवाई करने कहा सर्वोच्च न्यायालय ने
  • इस मामले में अगली सुनवाई होगी 21 जून को

नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है ‘कानून के हिसाब से कार्रवाई होनी चाहिए। यूपी सरकार तय करे कि इस दौरान कोई अनहोनी न हो।’ कोर्ट ने विध्वंस मामले में सरकार को हलफनामा दाखिल करने के लिए 3 दिन का समय दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस विक्रम नाथ की बेंच ने गुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा- ‘बिना नोटिस बुलडोजर कार्रवाई नहीं हो सकती है, लेकिन कोर्ट बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक नहीं लगा सकता है। बस सरकार को कानून के अनुरूप कार्रवाई करने के लिए कह सकता है।’ गौरतलब है, जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की है। जमीयत ने कार्रवाई को अवैध बताते हुए तत्काल रोकने की मांग की थी। उसके अनुसार, सरकार ने बिना नोटिस दिए की कार्रवाई की है। जमीयत की

बदले की कार्रवाई की रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार कहा कि कोई भी तोड़फोड़ की कार्यवाही कानूनी प्रक्रिया से हो। कोर्ट ने कहा कि ऐसी भी रिपोर्ट हैं कि ये बदले की कार्रवाई है। अब ये कितनी सही है, हमें नहीं मालूम। ये रिपोर्ट्स सही भी हो सकती हैं और गलत भी। अगर इस तरह के विध्वंस किए जाते हैं तो कम से कम जो कुछ किया जा रहा है, वह कानून की प्रक्रिया के अनुसार होना चाहिए। संबंधित व्यक्ति को समय पर नोटिस और फिर उसका जवाब देने का अधिकार मिलना चाहिए।

धर्म को टार्गेट करके कार्रवाई नहीं : यूपी सरकार

इससे पहले योगी सरकार की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने पक्ष रखा. योगी सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया है कि किसी भी धर्म को टार्गेट करके कार्रवाई नहीं की जा रही है। हरीश साल्वे ने कहा कि 2020 से योगी सरकार की ओर से ये कार्रवाई चल रही है और अभी तक कोई भी प्रभावित व्यक्ति कोर्ट में नहीं आया है। हरीश साल्वे के इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया कि कानून का पालन करने का आश्वासन दिया जाना चाहिए. कौन आया है या नहीं यह कहना महत्वपूर्ण नहीं है।

यूपी में जो हो रहा है, वो असंवैधानिक है: जमीयत के वकील

उधर, जमियत की ओर से वकील सीयू सिंह ने जवाबदेही तय करने की मांग की। उन्होंने कहा कि कोर्ट तुंरत कार्रवाई पर रोक लगाए। वकील ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि रेगुलेशन ऑफ बिल्डिंग ऑपेरशन एक्ट के मुताबिक बिना बिल्डिंग मालिक को अपनी बात रखने का मौका दिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है। इस पर जस्टिस बोपन्ना ने कहा कि नोटिस जरूरी होता है, हमें इसकी जानकारी है।

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