-पहली बार किसी देश से गोबर खरीदने के लिए मिला है ऑर्डर
- राजस्थान से 192 मीट्रिक टन खेप की गई है रवाना
-गोबर का ये निर्यात सरकारी नहीं, बल्कि सहकारी स्तर पर हो रहा
नई दिल्ली। खाड़ी देश कुवैत ने पैगंबर मोहम्मद विवाद के बीच अब गेहूं के बाद भारत को गाय के गोबर का बड़ा ऑर्डर दिया है। कुवैत में वैज्ञानिकों ने खजूर की खेती में गाय के गोबर का इस्तेमाल किया और पाया कि इससे उपज बढ़ जाती है। इसके बाद कुवैत ने भारत से गाय का गोबर मंगाने का फैसला किया। पहली बार भारत को किसी देश से गोबर के लिए इतना बड़ा ऑर्डर मिला है। पहली खेप बुधवार को रवाना कर दी गई है।
बढ़ी गोबर के निर्यात की संभावनाएं
पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री एवं सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा कि कुवैत से मिले ऑर्डर के बाद गाय के गोबर के निर्यात की संभावनाएं बढ़ गई हैं। अब सरकार भी गोबर के निर्यात पर फोकस करने की रणनीति तैयार कर रही है। अभी मिले ऑर्डर के लिए राजस्थान से गोबर भेजा जा रहा है। आने वाले समय में गोबर के निर्यात में सभी राज्यों को शामिल करने की योजना है।
पहली बार मिला गोबर का ऐसा ऑर्डर
सिंह ने बताया कि कुवैत को गाय के गोबर की पहली खेप बुधवार 15 जून को भेजी गई है। इसे राजस्थान के कनकपुरा रेलवे स्टेशन से मुंबई भेजा गया, वहां से गोबर को जहाज से कुवैत भेजा गया है। इस खेप को कस्टम विभाग की निगरानी में जयपुर के टोंक रोड स्थित श्री पिंजरापोल गोशाला में सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में पैक किया गया है। इस पहली खेप में कुवैत को 192 मीट्रिक टन गोबर की आपूर्ति की जा रही है।
सहकारी स्तर पर निर्यात
सबसे बड़ी बात है कि गोबर का ये निर्यात सरकारी नहीं, बल्कि सहकारी स्तर पर हो रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ’ के अध्यक्ष डॉ अतुल गुप्ता के प्रयासों से ये सफलता मिली है. कुवैत के लैमोर नामक कंपनी ने गोबर मंगाया है। ‘सनराइज एग्रीलैंड एंड डेवलपमेंट रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड’ को ये ऑर्डर मिला है।
भारत में करीब 30 करोड़ मवेशी
आपको बता दें कि भारत में करीब 30 करोड़ मवेशी हैं। इनसे हर रोज करीब 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है। भारत में गोबर का मुख्य इस्तेमाल उपला बनाकर ईंधन के रूप में किया जाता है। हालांकि ब्रिटेन और चीन समेत कई देशों में गोबर से बिजली व गोबर गैस का उत्पादन किया जाता है।
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