अग्निपथ’ को लेकर बिहार में रेलवे ट्रैक जाम, राजस्थान में सड़कों पर उतरे युवा, सेना के पूर्व अफसरों ने भी उठाए सवाल

–सेना की नई भर्ती स्कीम के खिलाफ प्रदर्शन

–बिहार में रेलवे ट्रैक जाम, राजस्थान में सड़कों पर उतरे युवा

नई दिल्ली/पटना। केंद्र सरकार की ओर से सेना में चार साल के लिए भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को लेकर विरोध शुरू हो गया है। इसके साथ ही आर्मी के लिए होने वाली लिखित परीक्षा में हो रही देरी के विरोध किया जा रहा है। इन दोनों ही मुद्दों को लेकर बिहार के बक्सर में युवाओं ने ट्रेन पर पत्थर फेंके तो मुजफ्फरपुर में सड़कों पर उतरकर आगजनी की। राजस्थान में भी कई युवा सड़क पर प्रदर्शन किया। इस बीच, सेना के कई रिटायर्ड अफसरों ने ‘अग्निपथ’ पर सवाल उठाए हैं।


बक्सर के रास्ते पटना जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस पर बुधवार को पथराव किया गया। इस बीच काशी-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस करीब 18 मिनट तक प्लेटफॉ़र्म संख्या एक पर रुकी रही। इससे रेल प्रशासन और यात्री हैरान व परेशान दिखे। दूसरी ओर मुजफ्फरपुर में सैंकड़ों की संख्या में आर्मी कैंडिडेट सड़क पर उतर आए और उग्र प्रदर्शन किया। शहर के भगवानपुर चौक पर टायर जलाकर प्रदर्शन किया और शहर के कई सड़कों को जाम कर दिया। मुजफ्फरपुर शहरी क्षेत्र में बुधवार सुबह से ही सेना अभ्यर्थियों द्वारा लिखित परीक्षा की मांग को लेकर पहले चक्कर चौक को जाम कर हंगामा किया। उसके बाद माड़ीपुर चौक फिर अब भगवानपुर चौक को अभ्यार्थियों ने जाम कर दिया। अभ्यर्थियों का कहना है कि एआरओ के द्वारा दो साल पहले 8 जिलों के अभ्यर्थियों का फिजिकल और मेडिकल कराया गया था, लेकिन उसके बाद कभी कोरोना तो कभी कोई और बहाना करके लिखित परीक्षा लेने में विलंब किया जा रहा है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि इस मामले में कर्नल भी कुछ नहीं बोल रहे हैं। ऐसे में हम कहां जाएं। वहीं, केंद्र सरकार के 4 साल की सेना की नौकरी को लेकर भी अभ्यर्थी नाराज हैं और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन को उतर आए। अभ्यर्थियों ने अपनी मांग को लेकर भगवानपुर चौक जाम किया तो वहीं मारीपुर, चककर चौक के निकट भी लाठी डंडे लेकर प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि केवल 4 साल के लिए भर्ती किया जाना रोजगार के अधिकार का हनन करना है।

जयपुर में सड़कों पर नारेबाजी

जयपुर के करधनी रोड़ पर सैकड़ों युवा सड़कों पर उतरे और क़रीब एक घंटे तक रास्ता जाम कर दिया जिसके बाद वहां वाहनों की लंबी कतार लग लग गई। युवाओं की भीड़ देखते हुए मौके पर करधनी थाना पुलिस ने पहुंचकर समझाइश कर रास्ता खुलवाया। करधनी पुलिस थाना अध्यक्ष बनवारी लाल मीणा ने जानकारी देते हुए कहा कि सेना भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं ने सड़क जाम कर दी थी जिसके बाद उन्हें समझाया गया. बता दें कि इस मामले में पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है।

इस साल 46 हजार सैनिकों की भर्ती

सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।

रिटायर्ड अफसरों का ऐसा मत—-

टूरिस्ट संगठन बन जाएगी सेना

00 रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह का कहना है कि इस योजना का सबसे बुरा असर यह होगा कि सेना की क्षमता कम हो जाएगी। तीनों सेनाओं में काम करने वालों के भीतर समर्पण की भावना सबसे महत्वपूर्ण होती है मगर अब सेना को टूरिस्ट संगठन की तरह समझा जाएगा।

00 रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया का कहना है कि नई व्यवस्था के तहत रेजिमेंट व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी। इस कदम से सैनिकों में अपने रेजिमेंट के नाम,नमक और निशान से लगाव भी खत्म हो जाएगा।

00 लेफ्टिनेंट जनरल शंकर प्रसाद का कहना है कि केंद्र सरकार को भले ही इस योजना में पैसे का फायदा हुआ दिख रहा हो मगर देश की सुरक्षा के लिए यह योजना खतरनाक साबित हो सकती है। जवानों को शार्ट ट्रेनिंग देने से आगे चलकर सेना को ही नुकसान होगा।

00 पूर्व उपसेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राज कादयान का भी मानना है कि सैनिकों के लिए ट्रेनिंग सबसे ज्यादा जरूरी है। केंद्र सरकार की योजना में ट्रेनिंग के लिए जो अवधि तय की गई है,वह पूरी तरह अपर्याप्त है। इस अवधि के दौरान सैनिकों को पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं किया जा सकता।

गृह मंत्रालय का ऐलान

सीएपीएफ, असम राइफल्स में प्राथमिकता

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि थल सेना, नौसेना और वायु सेना में विशेष ‘अग्निपथ’ योजना के तहत अल्पकालिक अनुबंध पर भर्ती होने वाले ‘अग्निवीर’ सैनिकों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी। मंत्रालय ने बताया कि योजना के तहत चार साल की सेवा पूरी करने वालों को भर्ती प्रक्रिया में प्राथमिकता दी जाएगी।

शाह बोले-दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम

गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालय ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना देश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक दूरदर्शी एवं स्वागतयोग्य कदम है। उनके कार्यालय ने कहा, इस संबंध में, आज गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि इस योजना के तहत चार साल पूरा करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी।

सेना की गरिमा से समझौता करना बंद करे सरकार

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता बंद करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, जब भारत को दो मोर्चों पर खतरा है तब इस अग्निपथ योजना की जरूरत नहीं है जिससे हमारे शस्त्र बलों की कार्यक्षमता कम होती हो। भाजपा सरकार को हमारे सुरक्षा बलों की गरिमा, परंपरा, पराक्रम और अनुशासन के साथ समझौता करना बंद करना चाहिए।

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