— मुस्लिम संगठन ने कहा- युवाओं को भड़काया है दोनों नेताओं ने
-चिश्ती ने कहा- देश में मुसलमानों का नहीं हो रहा उत्पीड़न
नई दिल्ली। देशभर में हिंसा और प्रदर्शन की खबरों के बीच मुस्लिम संगठन जमात उलमा ए हिंद ने रविवार को दिल्ली में संविधान क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान मुस्लिम संगठन ने असदुद्दीन ओवैसी और मदनी पर तीखा हमला बोला।
जमात उलमा ए हिंद के सुहैब कासमी ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद दो शुक्रवार तक सब कुछ शांत था। लेकिन 15 दिनों के बाद जो विरोध हुआ, वह एक एजेंडे की हवा देता है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मदनी, ओवैसी ने किया था। दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने की साजिश रची जा रही है। चाहे सीएए विरोधी आंदोलन हो या अन्य मुद्दे… ये लोग (मदानी, ओवैसी) नेता बन जाते हैं। ये लोग युवाओं को भड़का रहे हैं। ओवैसी और मदनी अपने एजेंडे पर चलते हैं। खुद पीछे छिप जाते हैं। सवाल उठता है कि दो हफ्ते बाद विरोध क्यों? देश में हो रही हिंसा के खिलाफ जमात उलेमा ए हिंद की ओर से फतवा जारी किया जाएगा। ओवैसी और मदनी के खिलाफ भी फतवा जारी होगा।
पैगंबर हमारे लिए सब कुछ
कासमी ने कहा कि हम किसी भी तरह की हिंसा के पक्ष में नहीं हैं। जो बर्बाद (मुसलमान) कर रहे हैं, वे देश में ही हैं। पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बोले गए शब्दों ने हमें आहत किया है। वह हमारे लिए सब कुछ हैं। लेकिन नूपुर शर्मा ने माफी मांगी है तो माफी दे देना चाहिए। बीजेपी ने प्रवक्ता को सस्पेंड कर दिया है और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अजमेर शरीफ से तारिक जमील चिश्ती ने कहा है कि हम कौन होते हैं कानून हाथ में लेने वाले। कानून को अपना काम करने दें।
किसी मुसलमान का उत्पीड़न नहीं हो रहा
चिश्ती ने कहा कि भारतीय मुसलमानों का कोई उत्पीड़न नहीं हो रहा है। दोषियों के खिलाफ बुलडोजर के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं है। चिश्ती ने सरकार और न्यायपालिका अप प्रयागराज हिंसा के लिए कानपुर के मुफ्ती को जिम्मेदार ठहराया है। ज्ञानवापी पर कहा कि अदालत मामले का समाधान करेगी।
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