जम्मू से लेकर कश्मीर तक कश्मीरी पंडित कर रहे विरोध; प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
नई दिल्ली। बडगाम में गुरुवार शाम आतंकियों ने चडूरा तहसीलदार ऑफिस के क्लर्क राहुल भट्ट को ऑफिस में घुसकर गोली मार कर उनकी हत्या कर दी गई वहीं दूसरे दिन आज यानी शुक्रवार को पुलवामा के गुदूरा में आतंकियों ने एसपीओ रियाज अहमद थोकर के घर में घुसकर फायरिंग कर दी। अस्पताल में उनकी मौत हो गई। इन दो घटनाओं के बाद सेना ने अपना मोर्चा संभाला और राहुल भट्ट की हत्या में शामिल तीन आतंकियों को मार गिराया। भट्ट की मौत के बाद संपूर्ण घाटी में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगह प्रदर्शनकारियों की झड़प भी पुलिस से हुई। इधर जम्मू-कश्मीर शासन के सैकड़ों कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
भट्ट की हत्या के बाद कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया गया। पंडितों का कहना है कि वो यहां सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और सरकार के कश्मीरी पंडितों के वापसी के दावे फेल होते नजर आ रहे हैं। आतंकवादी जवानों के साथ कश्मीरी पंडितों को निशाना बना रहे हैं। कश्मीर में 24 घंटों के अंदर हत्या की दो घटनाएं सामने आई हैं। इसके बाद से कश्मीरी पंडित अपनी सुरक्षा को लेकर जम्मू से लेकर श्रीनगर तक प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों से पुलिस और पंडितों के बीच धक्का-मुक्की की भी जानकारी मिली है।
इस्तीफा देकर लाल चौक में किया प्रदर्शन
राहुल भट्ट की हत्या को लेकर 350 कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारियों ने शुक्रवार को हत्या के विरोध में इस्तीफा दे दिया। सभी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भेज दिया है। ये सभी कश्मीरी पंडित प्रधानमंत्री पैकेज के कर्मचारी हैं। इनका कहना है कि वे घाटी में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। कश्मीरी पंडितों ने लाल चौक पर प्रदर्शन भी किया।
विरोध करने पर 8 को हिरासत में लिया
इससे पहले कश्मीरी पंडितों ने सुबह जम्मू-अखनूर पुराने हाई-वे जाम कर दिया। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विरोध में जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने आठ कश्मीरी पंडितों को हिरासत में ले लिया। वहीं चार लोग पुलिस के लाठीचार्ज में जख्मी हो गए। विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों को एयरपोर्ट की तरफ जाने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।
उपराज्यपाल पहुंचे भट्ट के घर
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा कि राहुल भट्ट के परिजनों से मुलाकात की। मैंने उनके परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया। सरकार दुख की इस घड़ी में राहुल के परिवार के साथ है। आतंकवादियों और उनके समर्थकों को उनके इस अपराध के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पत्नी को राहुल के दफ्तर के कुछ लोगों पर शक
राहुल भट्ट की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि चडूरा में राहुल असुरक्षित महसूस कर रहे थे। वह दो साल से स्थानीय प्रशासन से हेडक्वाटर भेजने की अपील कर रहे थे। मीनाक्षी ने बताया कि जब कश्मीर में दो टीचर्स की हत्या हुई थी, तब भी राहुल ने सुरक्षा की बात कहकर ट्रांसफर मांगा था, लेकिन उनका ट्रांसफर नहीं किया गया।
राहुल भट्ट के अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़
राहुल भट्ट का शुक्रवार सुबह बनतालाब में अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह, डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार, डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। वहीं, मौके पर पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना का लोगों ने विरोध किया।
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