राहुल बोले-मणिपुर में जो हो रहा है, भारत में कहीं नहीं देखा

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने हिंसा प्रभावितों से की मुलाकात

इंफाल। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां रह रहे लोगों से बातचीत की। मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोग इन राहत शिविरों में रह रहे हैं। मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा कि, हजारों परिवारों को नुकसान पहुंचा है, लोग मारे गए हैं। मणिपुर में जो हो रहा है, वैसा मैंने भारत में कहीं नहीं देखा। राज्य दो भागों में विभाजित है। मैंने राज्यपाल से बात की और हमने उनसे कहा कि हम शांति बहाल करने के लिए हरसंभव मदद करेंगे। मैं इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहता हूं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ यहां पहुंचे गांधी ने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. मेघचंद्र ने पत्रकारों से कहा, राहुल गांधी के दौरे का उद्देश्य लोगों को सहायता प्रदान करना और जमीनी स्तर पर स्थिति का आकलन करना है। उनका दौरा हालिया हिंसा से प्रभावित लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गांधी ने दिन में पहले जिरीबाम जिले में एक अन्य राहत शिविर का दौरा किया। कांग्रेस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हिंसा के बाद मणिपुर की उनकी तीसरी यात्रा लोगों के मुद्दों के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राज्य में पिछले साल मई में मेइती और कुकी समुदायों के लोगों के बीच जातीय हिंसा शुरू हुई थी। इसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है।

चुराचांदपुर और बिष्णुपुर गए राहुल

राहुल गांधी मणिपुर के चुराचांदपुर और बिष्णुपुर दोनों ही इलाकों में बने राहत कैंपों में गए थे। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संकट शुरू होने के बाद मैं तीसरी बार यहां आया हूं। मैं सुधार की उम्मीद कर रहा था लेकिन दुख की बात है कि कोई सुधार नहीं हुआ। समय की मांग शांति है।

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