मुंबई में भारी बारिश से उपनगरीय रेल, विमान सेवाएं प्रभावित, स्कूल बंद
छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में आज बारिश का अनुमान
मुंबई के कुछ इलाकों में 6 घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश
इंट्रो
भारत में मॉनसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है। देश के पहाड़ी राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी है। वहीं, पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ के हालात बने हुए हैं। इस बीच, सोमवार को मुंबई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश के कारण पटरियों पर जलभराव के चलते मध्य रेलवे की उपनगरीय सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं और हवाईअड्डे पर भी परिचालन पर असर पड़ा जिसके कारण सोमवार को 50 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
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नई दिल्ली/मुंबई। मुंबई में भारी बारिश के कारण शहर के कई निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई और लोगों को जलमग्न सड़कों से गुजरते देखा गया। महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। मुंबई के कुछ इलाकों में सुबह सात बजे तक मात्र छह घंटों में 300 मिमी से अधिक बारिश हुई, जिससे सड़कें और निचले इलाके जलमग्न हो गए। पूरे दिन शहर में भारी बारिश हुई, जिससे निवासियों की परेशानी और बढ़ गई। महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई, क्योंकि भारी बारिश के कारण कई सदस्य और अधिकारी विधान भवन नहीं पहुंच सके। महाराष्ट्र के राहत एवं पुनर्वास और आपदा प्रबंधन मंत्री अनिल पाटिल और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मिटकरी हावड़ा-मुंबई ट्रेन से उतरकर कुछ दूर तक पटरियों पर चलते देखे गए जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है। मिटकरी ने कहा, “ट्रेन करीब दो घंटे तक फंसी रही। हम दादर और कुर्ला स्टेशन के बीच पटरियों पर उतर गए। मुझे करीब ढाई किलोमीटर तक रेल पटरियों पर चलना पड़ा और नेहरू नगर पुलिस स्टेशन पहुंचा। उन्होंने कहा कि कुछ जनप्रतिनिधि भी उसी ट्रेन में फंसे हुए थे। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंत्रालय में एक बैठक कर मुंबई में भारी बारिश की स्थिति की समीक्षा की और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के नियंत्रण कक्ष का दौरा भी किया। भारी बारिश और समुद्र में ऊंची लहरें उठने की चेतावनी के मद्देनजर बीएमसी ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और आपातकालीन मदद के लिए उसके हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की अपील की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि जब भारी बारिश के साथ-साथ ‘ज्वार’ (समुद्र में ऊंची लहरें उठना) आता है तो मुंबई में बाढ़ आ जाती है। अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और पड़ोसी ठाणे के बीच मध्य रेलवे के मुख्य गलियारे की ‘फास्ट लाइन’ पर विभिन्न स्थानों पर जलभराव के कारण कुछ घंटों के लिए ट्रेन सेवाएं निलंबित कर दी गईं। बाद में यह फिर से शुरू कर दी गईं। चूनाभट्टी में जलभराव के कारण ‘हार्बर कॉरिडोर’ सेवाएं भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गईं। यात्रियों ने शिकायत की कि उपनगरीय सेवाएं देरी से चल रही हैं। विभिन्न स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों की भारी भीड़ थी।
मध्य रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि मुंबई में भारी बारिश और उच्च ज्वार के कारण उपनगरीय खंड में लोकल ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है और लोगों से कहा गया है कि जब तक अपरिहार्य न हो, यात्रा करने से बचें। पश्चिमी रेलवे ने कहा कि भारी बारिश के कारण माटुंगा रोड और दादर के बीच पानी पटरी के स्तर से ऊपर होने के कारण उपनगरीय ट्रेनें 10 मिनट तक देरी से चल रही हैं। पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता ने कहा, मुंबईवासियों के लिए सुगम आवागमन सुनिश्चित करने के वास्ते रेल पटरियों से पानी निकालने की खातिर उच्च क्षमता वाले जल पंपों का उपयोग किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, भारी बारिश और कम दृश्यता के कारण सोमवार को मुंबई हवाई अड्डे की हवाईपट्टी पर परिचालन देर रात 2.22 बजे से तड़के 3.40 बजे तक स्थगित कर दिया गया और 50 उड़ानें रद्द कर दी गईं। विमानों को अहमदाबाद, हैदराबाद और इंदौर जैसे शहरों की ओर मोड़ा गया। बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) उपक्रम के एक प्रवक्ता ने बताया कि विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर जलभराव के कारण शहर और उपनगरों में कम से कम 40 मार्गों पर चलने वाली बसों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है या उनकी संख्या कम कर दी गई है। आईएमडी की ओर से सुबह करीब 10 बजकर 15 मिनट पर तीन घंटे के लिए जारी की गई चेतावनी में शहर और उपनगरों में मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया गया था। नगर आयुक्त भूषण गगरानी ने आपदा प्रबंधन नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नजर रखी।
एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार सुबह आठ बजे समाप्त हुए 24 घंटे की अवधि में द्वीप शहर में औसतन 115.63 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि मुंबई के पूर्वी और पश्चिमी हिस्सों में क्रमश: 168.68 मिमी और 165.93 मिमी बारिश हुई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के एक प्रवक्ता ने बताया कि एनडीआरएफ की टीमों को मुंबई के कुर्ला और घाटकोपर इलाकों और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में तैनात किया गया है, जिनमें ठाणे, वसई (पालघर), महाड (रायगढ़), चिपलून (रत्नागिरी), कोल्हापुर, सांगली, सतारा और सिंधुदुर्ग शामिल हैं।
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पुल बहार, 54 लोगों का रेस्क्यू
ठाणे जिले में एक पुल बह गया, जबकि 54 लोगों को उनके घरों में पानी भर जाने के बाद बचाया गया। ठाणे जिला प्रशासन ने एक विज्ञप्ति में बताया कि विभिन्न इलाकों में कम से कम 275 घरों को नुकसान पहुंचा है और करीब 20 वाहन बह गए। उन्होंने बताया कि पुलिस और जिले के अन्य अधिकारियों ने भारी बारिश के बाद रायगढ़ पहाड़ी किले में फंसे कई पर्यटकों को निकाला। अधिकारियों ने बताया कि मुंबई से लगभग 170 किलोमीटर दूर स्थित किले को अब 31 जुलाई तक आगंतुकों के लिए बंद कर दिया गया है।
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एयरपोर्ट पर घटी विजिबिलिटी
तेज बारिश के चलते मुंबई एयरपोर्ट पर विजिबिलिटी भी घटी। रात 2:22 बजे से सुबह 11 बजे तक की 50 फ्लाइट्स को कैंसिल करना पड़ा। इनमें से 42 फ्लाइट्स इंडिगो, 6 फ्लाइट्स एअर इंडिया और 2 फ्लाइट्स अन्य एयरलाइंस की हैं। रेलवे ने बताया कि ट्रैक पर पानी भरने के कारण मुंबई डिवीजन की 5 ट्रेन कैंसिल कर दी गईं। वहीं कुछ लोकल ट्रेन भी कई घंटों की देरी से चल रही हैं। मुंबई में बीएमसी ने सरकारी और प्राइवेट स्कूल-कॉलेजों में आज के लिए छुट्टी घोषित कर दी है।
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छत्तीसगढ़ समेत इन राज्यों में अलर्ट
आईएमडी के मुताबिक 9 जुलाई को विदर्भ और छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 10 और 11 जुलाई को हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में भारी वर्षा होने की संभावना है। 10 और 11 जुलाई को उत्तराखंड, 11 जुलाई को हरियाणा-चंडीगढ़, 09 जुलाई को उत्तर प्रदेश, 8-11 जुलाई के दौरान मध्य प्रदेश और 10-11 जुलाई को उत्तर प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।
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दिल्ली में छाए रहे बादल
दिल्ली में काले बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश ना होने से लोगों को उमस वाली गर्मी ने काफी परेशान किया। मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली में 9 जुलाई को आसमान में घने बादल छाए रहेंगे और हल्की बरसात हो सकती है। वहीं, 12 जुलाई से दिल्ली में तेज बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है।
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केदारनाथ, बद्रीनाथ हाईवे समेत 115 से ज्यादा सड़कें बंद
उत्तराखंड में पिछले 4 दिनों से जारी तेज बारिश के चलते केदारनाथ, बद्रीनाथ हाईवे समेत 115 से ज्यादा सड़कें बंद हो गईं। कई रास्ते लैंडस्लाइड की वजह से तो कुछ बह जाने के कारण बंद हो गए। इसके बाद चार धाम यात्रा रोक दी गई। इससे जगह-जगह 6 हजार श्रद्धालु फंसे हैं। गंगा, समेत 6 नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं।
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