-भारतीय मौसम विभाग ने जारी की ताजा रिपोर्ट
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नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में भारत के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। मौसम एजेंसी ने यह भी कहा है कि इस दौरान कई जगहों पर मेघ गरजने की भी संभावना है। हाल ही में उपग्रह से ली गई तस्वीरों में इसका खुलासा हुआ है। आईएमडी के अनुसार, पंजाब और उससे सटे हिमाचल प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे उत्तर-पूर्वी छत्तीसगढ़, दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, दक्षिण गुजरात, दक्षिण तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, दक्षिण कर्नाटक, उत्तर तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम और मेघालय में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। कई इलाकों में बिजली भी गिर सकती है। तेज हवाओं के भारी बारिश के आसार बन रहे हैं। इन क्षेत्रों के अलावा, ओडिशा, कोंकण, गोवा, दक्षिण मध्य महाराष्ट्र, केरल, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप और निकोबार द्वीप समूह में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
मध्य भारत में होगी भारी बारिश
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की वैज्ञानिक सोमा सेन ने कहा कि अगले दो दिनों में दिल्ली में भारी वर्षा होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी राजस्थान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पूरे मध्य भारत में भारी बारिश होगी। अरुणाचल प्रदेश और असम में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। कल तक पश्चिमी प्रायद्वीपीय क्षेत्र में बारिश बढ़ जाएगी। उत्तर भारत के राज्यों में भी भारी बारिश होगी। हमने अगले दो दिनों में दिल्ली में भारी बारिश की घोषणा की है।”
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पर स्पाइस जेट की आठ फ्लाइट डिले, हंगामा
दिल्ली एयरपोर्ट पर स्पाइस जेट की आठ फ्लाइट डिले हो गईं। इसको लेकर यात्रियों ने हंगामा किया। यात्रियों ने इस दौरान स्पाइस जेट मुर्दाबाद के नारे लगाए। जानकारी के मुताबिक, श्रीनगर, अयोध्या और अन्य शहरों को जाने वाली फ्लाइट में देरी हुई है। सुबह नौ बजे से यात्री परेशान हो रहे हैं। मामले से जुड़े वीडियो भी सामने आए हैं, जिसमें यात्री हंगाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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देश में जून में सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश
देश में जून में सामान्य से कम बारिश हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया कि बीते महीने 11 फीसदी कम बरसात दर्ज की गई, जो कि 5 साल में सबसे ज्यादा है। आईएमडी के मुताबिक, जून में सामान्य तौर पर 165.3 मिमी बारिश होती है मगर इस बार 147.2 मिमी ही दर्ज की गई। मालूम हो कि साल 2001 के बाद से यह 7वीं सबसे कम बारिश है। जून की बारिश 4 महीने के मॉनसून के दौरान दर्ज की गई 87 सेमी की कुल वर्षा का 15 प्रतिशत ही है। ऐसे में जरूर यह कहीं न कहीं चिंता की बात है।
जून में कम बारिश होने का कैसा रहा असर
आईएमडी के मुताबिक उत्तर पश्चिम भारत में 33 प्रतिशत, मध्य भारत में 14 प्रतिशत और पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत में 13 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। यह जरूर है कि दक्षिण भारत में जून में सरप्लस बारिश (14 प्रतिशत) दर्ज हुई। मौसम कार्यालय ने कहा कि देश के 12 प्रतिशत हिस्से में अधिक वर्षा हुई जबकि 38 प्रतिशत में सामान्य बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा 50 प्रतिशत इलाके में कम से लेकर बहुत कम वर्षा हुई। आईएमडी के डेटा से पता चलता है कि 25 में से 20 साल ऐसे रहे जब जब जून में बारिश सामान्य से कम हुई। हालांकि, यह जरूर था कि जुलाई में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक हुई। यह जानना भी दिलचस्प है कि 25 में से 17 वर्षों में जब जून में बारिश सामान्य से कम रही, तब मौसमी बारिश सामान्य या सामान्य से ऊपर दर्ज की गई।
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