-मचा सियासी घमासान, चुनाव आयोग ने दी सफाई
-चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी के बावजूद मोबाइल का हुआ इस्तेमाल
-आरोप : चुनाव आयोग अधिकारी का मोबाइल मतगणना के दौरान जनरेट कर रहा था ओटीपी
(फोटो : ईवीएम)
नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है। मुंबई पुलिस के शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के रिश्तेदार के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में आ गई है। इस पर विपक्षी नेताओं ने चुनाव आयोग और सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही ईवीएम के मुद्दे पर टेस्ला के मालिक एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर आमने-सामने आ गए हैं। इस मुद्दे को बढ़ता देख भारतीय चुनाव आयोग मुंबई मामले को लेकर शाम साढ़े चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का भी ऐलान किया है।
चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में ईवीएम हैकिंग के आरोप को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र में आरोप लगे हैं कि ईवीएम को मोबाइल फोन से कनेक्ट किया गया था. महाराष्ट्र में चुनाव आयोग की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नही लगता है। ईवीएम स्टैंडअलोन सिस्टम है।
यह है मामला
दरअसल, मुंबई पुलिस ने रविवार को शिवसेना शिंदे गुट के सांसद रविंद्र वायकर के साले के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने ये एफआईआर लोकसभा चुनाव की मतगणना वाले दिन गोरेगांव चुनाव सेंटर के अंदर पाबंदी होने के बावजूद मोबाइल का इस्तेमाल करने के आरोप में दर्ज किया है। इसके साथ ही पुलिस ने मंगेश पांडिलकर को मोबाइल देने के आरोप में चुनाव आयोग ने एक कर्मचारी के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग के अधिकारी गौरव के पास मोबाइल फोन था जो मतगणना के दौरान ओटीपी जनरेट करता है। ये फोन पांडिलकर इस्तेमाल कर रहे थे. पुलिस को शक है कि फोन का इस्तेमाल सुबह से शाम साढ़े चार बजे तक किया गया है। इसी दौरान दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी. ईसीआई के पास सभी सीसीटीवी फुटेज हैं जो अब मुंबई पुलिस को सौंप दिए गए हैं।
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राहुल-अखिलेश का निशाना
इस घटना पर रिएक्शन देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पर ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा कि भारत में ईवीएम एक “ब्लैक बॉक्स” हैं और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की जा रही हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस घटना पर पोस्ट करते हुए कहा, दुनिया के जाने-माने टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ईवीएम में हेराफेरी के खतरे की ओर खुलेआम लिख रहे हैं, तो फिर ईवीएम के इस्तेमाल की ज़िद के पीछे की वजह क्या है, ये बात भाजपाई साफ़ करें.आगामी सभी चुनाव बैलेट पेपर (मतपत्र) से कराने की अपनी मांग को हम फिर दोहराते हैं।
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मस्क पर चंद्रशेखर का पलटवार
अमेरिकी चुनावों में ईवीएम को लेकर सवाल उठा था। इस दौरान, टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने एक पोस्ट में कहा कि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। इंसानों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है। इस पर भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पलटवार करते हुए कहा कि मस्क की बातें अमेरिका और अन्य जगहों पर सही साबित हो सकती हैं, जहां इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल होता है। लेकिन भारतीय ईवीएम कस्टम डिज़ाइन, सुरक्षित और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग हैं।
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