-लोकसभा चुनाव के नतीजों के पल-पल के अपडेट लिए हुए हैं कई इंतजाम
-दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में किसकी बनेगी सरकार, आज हो जाएगा फैसला
नई दिल्ली। 1 जून 2024 को लोकसभा चुनाव 2024 के आखिरी और सातवें चरण के लिए वोटिंग हो चुकी है। अब एक दिन बाद यानी 4 जून 2024 को चुनाव परिणाम आते ही यह साफ हो जाएगा कि केंद्र में मोदी सरकार 3.0 बनेगी या नहीं। आम चुनाव 2024 भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के दूसरे सबसे लंबे समय तक चले लोकसभा चुनाव थे। 19 अप्रैल 2024 से शुरू हुए लोक सभा चुनाव 1 जून 2024 को संपन्न हुए। आपको बता दें कि देशभर में चुनाव आयोग ने सात चरणों में चुनाव कराए हैं। 1 जून 2024 को चुनाव खत्म होते ही एग्जिट पोल सामने आए। लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम अब 4 जून 2024 को इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा वोटों की गिनती के बाद जारी किया जाएगा। 4 जून की शाम तक परिणाम पूरी तरह से जारी होने की उम्मीद है।
कुल कितनी सीटों पर हुआ मतदान?
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में चुनाव का अहम योगदान है। संसद के निचले सदन लोकसभा की कुल 543 सीटों के लिए चुनाव हुआ है और हर 5 साल पर लोगों को अपने क्षेत्र के लिए लीडर चुनने का मौका मिलता है। लोकसभा चुनाव परिणाम के लिए गिनती सुबह 8 बजे से हो जाएगी। जैसा कि हमने बताया कि लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव परिणाम को 4 जून 2024 को जारी किया जाएगा। परिणामों को आधिकारिक तौर पर भारतीय निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। चुनाव आयोग की वेबसाइट results.eci.gov.in के साथ ही वोटर हेल्पलाइन ऐप, आईओएस और एंड्राइड मोबाइल ऐप दोनों पर चुनाव परिणाम और रुझान देख सकेंगे।
क्या है वोटर हेल्पिंग एप?
वोटर हेल्पलाइन ऐप को गूगल प्ले या ऐप्पल ऐप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप पर आपको आगे या पीछे चल रहे उम्मीदवारों और जीतने व हारने वाले सभी कैंडिडेट की निर्वाचन क्षेत्रवार या राज्य वार रिजल्ट की जानकारी मिल जाएगी। यूजर्स अपनी जरूरत के हिसाब से ऐप में फिल्टर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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स्ट्रांगरूम में कितने लोग जा सकते हैं अंदर? कैसे होती है काउंटिंग?
मतगणना 4 जून को सुबह 8 बजे से शुरू होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट की गिनती होगी। उसके बाद वोटों की गिनती शुरू होगी। इस बीच काउंटिंग, स्ट्रांग रूम समेत कुछ ऐसे अहम सवाल है, जिसका जवाब जनता जानना चाहती है।
क्या होता है स्ट्रांग रूम?
स्ट्रांग रूम वह रूम होता है, जहां पर वोटिंग के बाद ईवीएम को रखा जाता है। स्ट्रांग रूम को काफी सुरक्षित रखा जाता है और अक्सर यह जिले के सरकारी कॉलेज में बना होता है। वोटिंग के बाद से ही यह रूम पूरी तरह से कैमरे की निगरानी में होता है।
कौन खोलता है स्ट्रांग रूम का ताला?
जिस दिन मतगणना होती है उस दिन सुबह 7 के आसपास स्ट्रांग रूम का ताला खोला जाता है। जब इसका ताला खोला जाता है, उस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के ऑब्जर्वर भी वहां मौजूद रहते हैं। पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाती है। ताला खोलने के समय हर एक उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि मौजूद होते हैं। EVM की कंट्रोल यूनिट काउंटिंग की टेबल पर रखी जाती है। इसके बाद प्रत्येक कंट्रोल यूनिट की यूनिक आईडी और सील का मिलान किया जाता है और उसे पोलिंग एजेंट को भी दिखाया जाता है। अगर किसी उम्मीदवार के एजेंट को आपत्ति नहीं होती, उसके बाद प्रक्रिया शुरू होती है।
काउंटिंग सेंटर पर कितने लोग होते हैं?
चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार मतगणना स्थल के हर एक हॉल में लगे टेबल पर उम्मीदवार की ओर से एक एजेंट मौजूद होता है। किसी एक हॉल में 15 से अधिक एजेंट नहीं होते हैं। एजेंट का चयन उम्मीदवार की ओर से किया जाता है और जिला निर्वाचन अधिकारी को उसका नाम, फोटो और अन्य जानकारी शेयर की जाती है।
काउंटिंग सेंटर के अंदर कौन जा सकता?
काउंटिंग सेंटर के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं। जब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी एजेंट को बाहर आने की इजाजत भी नहीं होती है। इसके अलावा किसी को अंदर मोबाइल ले जाने की इजाजत भी नहीं होती है। यदि किसी एजेंट को वोटिंग के दौरान गड़बड़ी की आशंका होती है तो वह रिकाउंटिंग की मांग कर सकता है।
काउंटिंग के बाद ईवीएम का क्या होता है?
काउंटिंग पूरी होने के बाद ईवीएम दोबारा स्ट्रांग रूम में रख दी जाती है। काउंटिंग के 45 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रांग में रूम में रखना होता है। इसके बाद इसे दूसरे स्टोर में शिफ्ट कर दिया जाता है।
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