- पीएम मोदी की हाई प्रोफाइल सीट वाराणसी पर 1 जून को होगा मतदान
–
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से तीसरी बार मैदान में हैं। इस हाई प्रोफाइल सीट पर 1 जून को मतदान होगा। मोदी के यहां से चुनाव लड़ने से इस सीट पर देश ही नहीं, बल्कि विदेशी मीडिया की निगाहें हैं। ऐसे में कई कांग्रेस समेत कई नेता मोदी को चुनौती देने के लिए मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। मोदी के खिलाफ कुल 41 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था, लेकिन इनमें से 33 उम्मीदवारों का पर्चा खारिज हो चुका है। ऐसे में अब वाराणसी लोकसभा सीट पर कुल 8 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस सीट से पर्चा वापस लेने की अंतिम तारीख 17 मई । ऐसे में अगर कोई उम्मीदवार अपना पर्चा वापस नहीं लेता है तो मोदी के सामने 8 उम्मीदवार होंगे। जिन 33 लोगों का पर्चा खारिज हुआ है। उनमें हास्य कलाकार श्याम रंगीला का भी नाम शामिल है। वो पीएम मोदी समेत कई नेताओं की मिमिक्री करने के लिए मशहूर हैं।
मोदी के प्रतिद्वंद्वी
पीएम मोदी तीसरी बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं। मोदी ने पिछले दो चुनावों में इस सीट से बड़े अंतर से जीत हासिल की है। मोदी 2019 में 4.8 लाख वोट और 2014 में 3.72 लाख वोटों के अंतर से जीते थे। प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इंडिया गठबंधन की ओर से अजय राय और बसपा की तरफ से अतहर जमाल लारी मैदान में हैं। अजय राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। राय पांच बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। अजय राय ने वाराणसी सीट से 2014 और 2019 में चुनाव लड़ा था, लेकिन मोदी की आंधी में उनको शिकस्त का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस में शामिल होने से पहले अजय राय समाजवादी पार्टी में थे। इससे पहले वो भाजपा में थे। अजय राय 2012 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इनके अलावा इस सीट पर अपना दल (कमेरावादी) से गगन प्रकाश, राष्ट्रीय समाजवादी जन क्रांति पार्टी के पारस नाथ केशरी, युग तुलसी पार्टी के उम्मीदवार कोली शेट्टी शिवकुमार और दो निर्दलीय उम्मीदवार संजय कुमार तिवारी और दिनेश कुमार यादव चुनावी मैदान में हैं। वाराणसी में लोकसभा चुनाव के 7वें चरण में 1 जून को मतदान होगा।
999
वाराणसी लोकसभा सीट का हाल
1991 से वाराणसी लोकसभा सीट पर बीजेपी पर दबदबा रहा है। 1991 के आम चुनाव में यहां पार्टी के कैंडिडेट श्रीश चंद्र दीक्षित जीते थे। 1996, 1998, 1999 तक शंकर प्रसाद जायसवाल यहां से बीजेपी के सांसद थे। हालांकि 2004 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी लोकसभा सीट पर बड़ा उलटफेर देखने को मिला था. इस सीट कांग्रेस के राजेश कुमार मिश्रा ने जीत हासिल की थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2009 में फिर एक बार यह सीट बीजेपी के खाते में गई. तब मुरली मनोहर जोशी सांसद यहां से बने थे। तब से अब तक यह सीट बीजेपी के खाते में बनी हुई है। 2014, 2019 के आम चुनावों के बाद पार्टी ने तीसरी बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस सीट पर खड़ा किया है।
वाराणसी लोकसभा सीट का जातीय समीकरण
वाराणसी लोकसभा सीट पर गैर यादव ओबीसी कुर्मी जाति की संख्या काफी ज्यादा है। संसदीय क्षेत्र के रोहनिया और सेवापुरी में सब्से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं। ब्राह्मण और भूमिहार भी संख्या भी काफी अच्छी खासी है। यहां 3 लाख से ज्यादा ओबीसी समुदाय के वोटर हैं। इसमें से 2 लाख से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं। 2 लाख के करीब वैश्य, डेढ़ लाख भूमिहार के अलावा एक लाख से ज्यादा यादव वोटर हैं। वाराणसी में 3 लाख से ज्यादा मुस्लिम वोटरों की संख्या है।
0000

