‘इंडिया गठबंधन की सरकार बनी तो बाहर से करेंगे सपोर्ट’

-नतीजों से पहले ममता बनर्जी ने खोले पत्ते

कोलकाता। लोकसभा चुनाव अभी चल रहे हैं। देश में किसकी सरकार बनेगी यह चार जून को नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा। इससे पहले विपक्षी गठबंधन ने सरकार बनाने की योजनाओं पर बयान देना शुरू कर दिया है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो वह इस सरकार में शामिल नहीं होंगी बल्कि बाहर से उनकी पार्टी समर्थन करेगी। उल्लेखनीय है कि चौथे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि यदि इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो उनका पूरा सपोर्ट रहेगा। अब बुधवार को एक चुनावी रैली के दौरान ममता ने कहा कि उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन के नेतृत्व को बाहर से पूरा समर्थन देगी ताकि बंगाल के लोगों को कोई परेशानी न आए।

सपोर्ट के बदले रखीं ये शर्तें

ममता बनर्जी ने कहा, “हम इंडिया गठबंधन को नेतृत्व प्रदान करेंगे और उन्हें बाहर से हर तरह से मदद करेंगे। हम ऐसी सरकार बनाएंगे ताकि बंगाल में हमारी मां-बहनों को कभी परेशानी न हो। जो लोग 100 दिन-रोजगार योजना में काम करते हैं, उन्हें दिक्कत ना हो और उनको समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।” अपने बयान में उन्होंने टीएमसी के लिए इंडिया गठबंधन की अपनी परिभाषा साफ कर दी। ममता बनर्जी ने कहा, “आपको यह पता होना चाहिए कि इंडिया अलायंस में- बंगाल कांग्रेस और सीपीआई (एम) को मत गिनें, वे दोनों हमारे साथ नहीं हैं। वे दोनों भाजपा के साथ हैं। मैं दिल्ली के बारे में बात कर रही हूं।”

राजनीतिक गलियारों में ममता के ‘बाहर से समर्थन’ को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। अतीत में बंगाल की पूर्व सत्तारूढ़ पार्टी सीपीएम सहित विभिन्न वामपंथी दलों ने केंद्र में पहली यूपीए सरकार (मनमोहन सिंह के नेतृत्व में) को कैबिनेट में शामिल हुए बिना बाहर से समर्थन दिया था। दूसरी ओर, ममता और उनकी पार्टी तृणमूल पहले भी कई बार सीधे केंद्र सरकार में शामिल हो चुकी हैं। 1998 में बनी 13 महीने की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ममता शामिल नहीं हुईं बल्कि बाहर से समर्थन किया। बाद में ममता सहित तृणमूल नेता कई बार वाजपेयी और मनमोहन की कैबिनेट में रहे। 1999 से 2004 तक तृणमूल वाजपेयी सरकार में थी। 2009 में ममता मनमोहन कैबिनेट में भी शामिल रहीं।

चुनाव आयोग पीएम मोदी की कठपुतली: ममता

एक अलग बयान में ममता बनर्जी ने बुधवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत काम करने वाली कठपुतली करार दिया। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने दो महीने की अवधि में चुनाव निर्धारित करने के लिए निर्वाचन आयोग की आलोचना की और आरोप लगाया कि अत्यधिक गर्मी के कारण आम लोगों को होने वाली कठिनाइयों की अनदेखी करते हुए भाजपा के पक्ष में यह फैसला लिया। बनर्जी ने कहा, “निर्वाचन आयोग एक कठपुतली है और मोदी के निर्देशों के अनुसार काम करता है। ढाई महीने से मतदान हो रहा है, क्या आपको (निर्वाचन अधिकारियों को) कभी आम लोगों की परेशानियों का एहसास हुआ है।”

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पहले भी गठबंधन छोड़ चुकी हैं, जा सकती हैं बीजेपी के साथ : अधीर रंजन

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के बीच इस तरह की खटपट पहले भी सुनाई देती रही है। अधीर रंजन चौधरी ने कहा,“मुझे उस पर भरोसा नहीं है। वह गठबंधन छोड़कर भाग गयीं. वह भाजपा की ओर भी जा सकती हैं। पहले वे कांग्रेस पार्टी को खत्म करने की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि कांग्रेस को 40 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन अब वह कह रही हैं कि इसका मतलब है कि कांग्रेस पार्टी और गठबंधन सत्ता में आ रहे हैं।”ममता बनर्जी पहले इंडिया गठबंधन का हिस्सा थीं लेकिन अब उनकी तृणमूल कांग्रेस ने इंडिया ब्लॉक के साथ सीट-बंटवारे के मुद्दों के बाद राज्य में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया था।

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