–अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत के बाद उत्तराखंड सरकार ने लिया फैसला
–26,73,519 रजिस्ट्रेशन हुए, 15 और 16 मई को ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं
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देहरादून। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। चारों धामों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे सरकार एक तरफ उत्साहित तो है, लेकिन वह इसको लेकर चिंतित भी दिखाई दे रही है। क्योंकि अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही हैं। चारधाम यात्रा शुरू होने से लेकर अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार ने वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। इसके अलावा 15 और 16 मई को ऑफलाइन रजिट्रेशन बंद कर दिया गया है। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। चारों धामों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे सरकार एक तरफ उत्साहित तो है, लेकिन वह इसको लेकर चिंतित भी दिखाई दे रही है। क्योंकि अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही हैं। चारधाम यात्रा पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन यात्रियों को यात्रा के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, वो अगर रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करता है तो संबंधित वाहनों का परमिट सस्पेंड कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा चारधाम यात्रा में मरने वाली की संख्या भी बढ़ रही है। अब तक कुल 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि चारधाम की एक कैपेसिटी है। खासकर यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में यात्रियों की कैपेसिटी सीमित है। यमुनोत्री धाम का पांच किलोमीटर का जो ट्रैक है, वो काफी संकरा है। इसके चलते सीमित संख्या में ही यात्री जा सकते हैं।
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इसलिए अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ी
श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने की कई वजह सामने निकलकर आई हैं। इसमें मुख्य रूप से जब ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू हुई, उस दौरान जिन श्रद्धालुओं को 10 दिन या 15 दिन बाद की डेट दी गई थी वो श्रद्धालु भी रजिस्ट्रेशन के बाद ही धामों में दर्शन करने के लिए रवाना हो गए। ऐसे में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों के साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्री की एक साथ दर्शन करने पहुंच गए। इसके चलते धामों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी। इसके अलावा स्थानीय श्रद्धालुओं की संख्या ने भी संख्या को और ज्यादा बढ़ा दिया। इस पर लगाम लगाए जाने को लेकर आरटीओ, एसडीएम और पुलिस को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वो रेंडम बेसिस पर इसकी भी चेकिंग करें कि जिन यात्रियों को यात्रा तिथि आगे की दी गई है, वो अभी यात्रा न करें।
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कैंप लगाकर मॉनिटरिंग करेंगे मुख्यमंत्री सचिव-
चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को अगर होल्डिंग में रखा जाता है तो उन्हें मैसेज के जरिए इसकी सूचना दी जाएगी। इसके अलावा सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लिहाजा, मीनाक्षी सुंदरम उत्तरकाशी जिले में कैंप पर लगाकर व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे।
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हेल्थ स्क्रीनिंग बगैर न करें चारधाम यात्रा-
आयुक्त ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत की सूचना मिली है। जब यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है तो उनसे अपनी हेल्थ स्क्रीनिंग करवाने को कहा जा रहा है। इसके लिए हेल्थ स्क्रीनिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन कई बार जब कोई यात्री फिट नहीं पाया जाता है तो उसे यात्रा न करने का सुझाव दिया जाता है। कुछ यात्री फिजिकली फिट न होने के बावजूद भी यात्रा पर आते हैं। जो फिजिकली फिट नहीं होते हैं, ऐसे यात्री जब अपनी मर्जी से यात्रा पर आते हैं तो उनसे एक फॉर्म भरा जाता है कि वो डॉक्टर के मना करने के बावजूद अपनी मर्जी से चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु डॉक्टर की सलाह को जरूर मानें।
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अब तक इतने श्रद्धालु
केदारनाथ-1 लाख 26 हजार 306
बद्रीनाथ- 39 हजार 574 श्रद्धालु
यमनोत्री- 59 हजार से ज्यादा
गंगोत्री- 51 हजार से अधिक
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