चलती बुलेट से खींचकर गिराया फिर दागे बुलेट!

मर्डर करने एक बाइक में सवार होकर आए थे चार नकाबपोश हमलावर

बिना नंबर प्लेट और बैक लाइट वाली होंडा बाइक का किया इस्तेमाल

नारायणपुर।

नारायणपुर के इतिहास में पहली बार शार्प शूटरों का इस्तेमाल कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। कांग्रेसी नेता एवं नारायणपुर परिवहन संघ के सचिव विक्रम बैस की हत्या करने के लिए एक बाइक में सवार होकर चार हमलावर आए थे। नकाबपोश हमलावरों द्वारा काफी एक्सरसाइज करने के बाद घटना को अंजाम देने की बात पुलिस के अधिकारियों के द्वारा कही जा रही है।

घटना के वक्त मौके पर मौजूद चश्मदीद ने बताया कि विक्रम बुलेट वाहन में सवार होकर रात करीब पौने दस बजे अपने घर की ओर जा रहे थे, तभी उनके घर से लगभग तीन सौ मीटर पहले एक मोड़ के पास पहले से घात लगाकर खड़े हमलावरों ने उन्हें चलती बुलेट से खींचकर जमीन में गिरा दिया। इस दौरान विक्रम ने इनका विरोध कर छोड़ने की बात कहीं फिर जब वे जमीन में गिर गए तो कुछ ही दूर पर खड़ा दूसरा हमलावर उनके पास आया और अपने पास रखे घातक हथियार से विक्रम के सिर और सीने पर एक के बाद एक दो फायर कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों हमलावर बाइक के पास दौड़कर भागे जहां पहले से दो लोग बाइक को स्टार्ट कर खड़े थे, जिसके बाद चारों एक ही बाइक में सवार होकर एडका मार्ग की ओर भाग गए। हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए चारों हमलावर नकाब लगाकर आए हुए थे। कद और काठी के हिसाब से सभी 5:30 और पौने छह फीट के बताए जा रहे हैं। जींस और टीशर्ट पहनकर चेहरे को पूरी तरीका से हमलावरों ने ढाप रखा था।

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ट्रांसपोर्टर के साथ बढ़ गया था विवाद

माल ढुलाई को लेकर ट्रांसपोर्टर और परिवहन संघ के साथ पिछले कई दिनों से विवाद बढ़ गया है। ट्रांसपोर्टर के द्वारा अपनी ट्रकों को पहले धुलाई में लगाया जा रहा था, जिससे स्थानीय परिवहन संघ के सदस्यों की ट्रक खड़ी हो रही थी। इस बात को लेकर ट्रांसपोर्टर और परिवहन संघ के सदस्यों के बीच पिछले कई दिनों से विवाद चल रहा था। 10 दिन पहले से ट्रांसपोर्टर की ट्रकों को नारायणपुर के प्रवेश द्वार पर ही रोक लिया जा रहा था और फिर नारायणपुर के ट्रकों की धुलाई के बाद ट्रांसपोर्टर के ट्रकों को माल भरने के लिए छोटेडोंगर भेजा जा रहा था। परिवहन संघ के सचिव यानि विक्रम की सक्रियता से स्थानीय ट्रक मालिकों को लाभ हो रहा था और ट्रांसपोर्टर से जुड़े हुए ट्रक मालिकों को नुकसान हो रहा था। घटना के बाद इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि कहीं यही विवाद तो मौत का कारण नहीं बना हैं।

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भाजपा के राज में सुरक्षित नहीं: पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम

पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा के पांच महीने के कार्यकाल में लोग सुरक्षित नहीं है। पूरे प्रदेश में गुंडाराज बढ़ गया है। बीजेपी असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस की सक्रियता होती तो इस प्रकार की घटना नहीं होती। इस दौरान पूर्व विधायक चंदन कश्यप ने भी पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा किया हैं।

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टीम बनाकर घटना की कर रहे जांच: एसपी

घटना के बाद रात में ऑन स्पॉट पहुंचे एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर है। हत्या में शामिल लोगों की धरपकड़ के लिए विशेष टीम बनाई गई है। नारायणपुर को जोड़ने वाली सभी मुख्य मार्गों में नाकेबंदी की गई है। पुलिस को जो सबूत मिल रहे हैं, उससे जल्द ही सभी आरोपी पकड़े जाएंगे।

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मुद्दे दरकिनार…शहजादे-शहंशाह और आरक्षण पर रार

-पहले जोर-शोर से उठे कई मुद्दे, फिर जुबानी जंग पर बढ़ा जोर

नई दिल्ली। शहजादे… शहंशाह…मंगलसूत्र… आरक्षण… झूठ की मशीन…। कुछ इस तरह के विशेषणों के इर्द-गिर्द चुनाव सिमटता जा रहा है। पहले चरण में जहां पार्टियों ने अपने घोषणापत्रों के जरिये जनता के मुद्दे उठाए, वहीं चुनावी रथ के तीसरे चरण में पहुंचते ही जुबानी जंग शबाब पर पहुंच गई। इन सबके बीच जनता के मुद्दे दरकिनार हो गए हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा-कांग्रेस पर आतंकियों-माफिया का महिमामंडन करने का आरोप लगाया, तो पूर्व सीएम अखिलेश यादव अपनी सभाओं में भाजपा पर आरक्षण में बदलाव करने का आरोप लगा रहे हैं। चुनाव प्रचार के शुरुआती दिनों में जनसुविधाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, बेरोजगारी, कल्याणकारी योजनाओं, महिलाओं, किसानों व युवाओं की तरक्की के सवाल सबने अपने-अपने ढंग से प्रमुखता से उठाए। मुफ्त इलाज से लेकर आटा-डाटा फ्री जैसे वादे भी सामन आए। पर, आहिस्ता-आहिस्ता इन मुद्दों का स्थान जुबानी जंग ने ले लिया।

विरासत कर का भी रहा शोर

ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने संसाधनों के समान वितरण के लिए विरासत कर जैसी नीतियों की पैरोकारी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे तत्काल मध्य वर्ग का बड़ा मुद्दा बनाते हुए महिलाओं के मंगलसूत्र छिनने और चार कमरे के फ्लैट में से दो कमरे लेकर दूसरे को दिए जाने से जोड़ दिया। दूसरे चरण का मतदान होने तक भाजपा और विपक्षी दलों के नेताओं के बीच इसे लेकर जमकर तकरार हुई। पलटवार करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राजीव गांधी के शहीद होने का हवाला देते हुए यहां तक कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी ने देश के लिए अपने मंगलसूत्र का बलिदान कर दिया।

जुबानी जंग का आलम

जुबानी जंग को आगे बढ़ाते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया कि ‘सिंगल’ होने की वजह से योगी-मोदी का मंगलसूत्र के क्या लेना-देना। असल मुद्दों के बजाय डीप फेक वीडियो के प्रचार-प्रसार ने भी नेताओं को असहज करना शुरू कर दिया। अमित शाह का फेक वीडियो चलने पर तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी समेत कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने तलब किया, तो आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भी यह सफाई देनी पड़ी कि आरएसएस आरक्षण के विरोध में नहीं है।

मुगल भी आए चुनाव में

भाजपा ने आंध्रप्रदेश और कर्नाटक में ओबीसी कोटे से मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने का हवाला देते हुए कांग्रेस को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का विरोधी करार दिया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए पीएफआई की मदद की। शहजादे ने राजा- महाराजाओं का अपमान किया। वायनाड जीतने को कांग्रेस ने पीएफआई की मदद ली।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर

कांग्रेस राजा-महाराजाओं का अपमान करती है। मुगलों को शहजादे गाली नहीं देते। इस पर पीएम मोदी को महलों में रहने वाला शहंशाह बताते हुए प्रियंका गांधी ने उन पर हमला बोला। मोदी को बकवास करने वाला तक करार दे डाला। वहीं मोदी पाकिस्तान को बीच में लाकर यहां तक कह रहे हैं कि वह राहुल गांधी को भारत का अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहता है।

मुंह न खुलवाने तक की धमकी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी जुबानी जंग में पीछे नहीं रहे। उन्होंने भी कह दिया कि ‘मेरा मुंह न खुलवाएं अगर तुम्हारे मुंह में जुबान है, तो मेरा भी है। पीएम मोदी मुसलमानों को घुसपैठिया कहते हैं। जुबानी जंग में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पीएम नरेंद्र मोदी को झूठ की मशीन तक कह चुके हैं।

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