यहां लड़ चुके हैं शाहरुख खान के पिता, शर्मिला टैगोर के पति

-पहली बार उतरा है कोई अभिनेता, कांग्रेस जीत की तलबगार

  • गुरुग्राम में कांग्रेस को अभिनेता राज बब्बर से है करिश्मे की उम्मीद

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में शायद गुरुग्राम में कांग्रेस को अभिनेता राज बब्बर से किसी करिश्मे की उम्मीद है इसीलिए काफी मशक्कत और लंबे इंतजार के बाद पार्टी ने यहां से उनके नाम पर मुहर लगाई है। कांग्रेस पिछले दो लोकसभा चुनावों में यहां से हार रही है। हालांकि, वह यहां से 5 बार जीत भी हासिल कर चुकी है। गुरुग्राम में साल 1952 से 1971 तक लोकसभा के चुनाव होते रहे, लेकिन 1977 में इस निर्वाचन क्षेत्र को समाप्त कर दिया गया। 2009 में जब लोकसभा सीटों का परिसीमन हुआ तो यह सीट फिर से अस्तित्व में आई। गुरुग्राम लोकसभा क्षेत्र के चुनावी मैदान में 2024 से पहले कोई अभिनेता नहीं उतरा था। हालांकि, शाहरुख खान के पिता यहां से पहले ही चुनाव में किस्मत आजमा चुके थे। नवाब पटौदी जैसी दिग्गज हस्ती भी यहां दो-दो हाथ कर चुकी है। संजय बारू का तर्क है कि मोदी को 370 सीटें आ गईं तो आगे चल कर बीजेपी का वही हश्र होगा जो इंदिरा गांधी या राजीव गांधी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस का हुआ था।

भाजपा से इँद्रजीत की चुनौती

बीजेपी ने एक बार फिर राव इंद्रजीत सिंह को ही टिकट दिया है जबकि 4.5 साल तक हरियाणा में बीजेपी के साथ सरकार चलाने वाली जेजेपी ने इस लोकसभा क्षेत्र में अहीर मतदाताओं की संख्या को देखते हुए पॉपुलर हरियाणवी गायक राहुल यादव फाजिलपुरिया को उम्मीदवार बनाया है।

बब्बर को क्यों मिला टिकट?

राज बब्बर को टिकट मिलने के पीछे कुछ अहम कारण हो सकते हैं। राज बब्बर ओबीसी वर्ग में आने वाले पंजाबी सुनार समुदाय से आते हैं। गुरुग्राम में 2 लाख मतदाता पंजाबी समुदाय के हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि राजब्बर को प्रत्याशी बनाने से उसे पंजाबी समुदाय के मतदाताओं का साथ मिल सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा में कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरे भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने खुलकर राज बब्बर के नाम की पैरवी की थी। यही वजह रही कि पार्टी हाई कमान ने यहां पर हुड्डा की पसंद को नजरअंदाज नहीं किया। इंडिया गठबंधन में इस बार सपा भी शामिल है। इस क्षेत्र में अहीर समुदाय के मतदाताओं की संख्या 6 लाख से ज्यादा है। राज बब्बर लंबे वक्त तक सपा में रहे हैं इसलिए कुछ हद तक अहीर मतदाता कांग्रेस का साथ दे सकते हैं, यह भी एक सोच रही होगी। फिल्म अभिनेता होने की वजह से राज बब्बर की अपनी फैन फ़ॉलोइंग भी है। इसका भी फायदा कांग्रेस को यहां मिल सकता है।

गुरुग्राम से अब तक बने सांसद

गुरुग्राम सीट पर पिछले तीन चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह को जीत मिली है। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के साथ चले गए थे। 2019 में राव इंद्रजीत सिंह की जीत का अंतर लगभग चार लाख वोटों का रहा था। वह मोदी सरकार में मंत्री भी हैं।

साल जीते उम्मीदवार का नाम किस राजनीतिक दल को मिली जीत

1952 ठाकुर दास भार्गव कांग्रेस

1957 अबुल कलाम आज़ाद कांग्रेस

1958 (उपचुनाव) प्रकाश वीर शास्त्री निर्दलीय

1962 गजराज सिंह यादव कांग्रेस

1967 अब्दुल गनी डार निर्दलीय

1971 तैय्यब हुसैन कांग्रेस

2009 राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस

2014 राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी

2019 राव इंद्रजीत सिंह बीजेपी

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