जीएसटी एक्ट के तहत नोटिस और गिरफ्तारियों का सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा ब्योरा
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जीएसटी मामलों में धारा-69 के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों में स्पष्टता नहीं होने के प्रति चिंता प्रकट की और कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता को अहमियत देते हुए जरूरत पड़ने पर वह कानून की व्याख्या करेगा लेकिन लोगों को परेशान नहीं होने देंगे। कोर्ट ने कहा कि जीएसटी विभाग किसी को गिरफ्तार नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जीएसटी कानून के तहत पिछले तीन साल में जारी नोटिसाें की संख्या और एक से पांच करोड़ रुपए बकाया के मामलों में इस दौरान की गई गिरफ्तारियोंं की जानकारी पेश करने के निर्देश दिए। मामले में अगली सुनवाई नौ मई को होगी।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की बेंच ने जीएसटी के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को दंड प्रक्रिया संहिता और संवैधानिक अधिकारों से बेमेल बताते हुए दायर करीब 281 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो वह स्वतंत्रता को मजबूत बनाने के लिए कानून की व्याख्या करेगी, लेकिन नागरिकों को परेशान नहीं होने देगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि जीएसटी विभाग के अधिकारी पुलिस नहीं होने के कारण गिरफ्तारी नहीं कर सकते जबकि पकड़े गए लोगों को वकील से भी बात करने से रोका जाता है। यह कृत्य सीआरपीसी के प्रावधानों और नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा संपूर्ण डेटा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से कहा, ‘आप जीएसटी अधिनियम के तहत पिछले तीन वर्ष में एक करोड़ रुपये से पांच करोड़ रुपये की कथित चूक के लिए जारी किए गए नोटिस और गिरफ्तारियों का आंकड़ा पेश करें। लोगों का उत्पीड़न हो सकता है और हम इसकी इजाजत नहीं देंगे। यदि हमें लगता है कि प्रावधान में कोई अस्पष्टता है तो हम उसे दुरुस्त करेंगे। दूसरा, सभी मामलों में लोगों को जेल नहीं भेजा जा सकता।
याचिकाकर्ताओं ने लगाया शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप
कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने जीएसटी व्यवस्था के तहत अधिकारियों की शक्तियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाया और कहा कि इससे व्यक्तियों की स्वतंत्रता कम हो रही है। इसके बाद पीठ ने आंकड़ा पेश करने को कहा. गुरुवार (3 मई) को सुनवाई के दौरान लूथरा ने कहा कि कभी-कभी गिरफ्तारी नहीं की जाती है, लेकिन लोगों को नोटिस जारी कर व गिरफ्तारी की धमकी देकर परेशान किया जाता है।
एएसजी बोले- अगली सुनवाई में जवाब देने की कोशिश करेंगे
एएसजी राजू ने कहा कि वह केंद्रीय जीएसटी कानून के तहत जारी नोटिस और की गई गिरफ्तारी के संबंध में आंकड़े एकत्र करेंगे, लेकिन राज्यों से संबंधित ऐसी जानकारी जुटाना मुश्किल है। पीठ ने कहा, ‘हम सभी आंकड़े चाहते हैं। जीएसटी परिषद के पास वह आंकड़ा होगा। यदि आंकड़ा उपलब्ध है, तो हम इसे अपने सामने चाहते हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजू ने कहा कि अगली सुनवाई के दिन वह वह पीठ के सवालों का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
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