रायबरेली से कभी कांग्रेस की हुई थी जमानत जब्त

-कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली इस सीट का है रोचक इतिहास

-पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी छोड़कर यहां से लड़ रहे चुनाव

नई दिल्ली। कांग्रेस ने काफी इंतजार के बाद आखिर रायबरेली लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। इस बार रायबरेली से राहुल गांधी चुनाव मैदान में हैं। राहुल का मुकाबला यहां भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से होना है। रायबरेली सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है। देश के पहले लोकसभा चुनाव से ही कांग्रेस का यहां दबदबा रहा है। बीच के कुछ चुनावों में यह सीट कांग्रेस हारी भी है, आइए जानते हैं इस सीट का रोचक इतिहास…

साल 1951-52 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में रायबरेली और प्रतापगढ़ जिलों को मिलाकर एक लोकसभा सीट थी। उस चुनाव में यहां से इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी जीते थे। 1960 में फिरोज के निधन के बाद 1962 में कांग्रेस की तरफ से उतरे बैजनाथ कुरील ने जनसंघ प्रत्याशी तारावती को हराया था। 1967 में इंदिरा गांधी यहां से जीती थीं।

1971 को चर्चित चुनाव और 77 में हारीं इंदिरा

1971 के चुनाव में इसी सीट से इंदिरा ने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के राज नारायण पर विवादास्पद जीत दर्ज की थी। उन पर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग और चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगा था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित किया था। इसके बाद ही इंदिरा ने आपातकाल लगा दिया था। इसके बाद आपातकाल के समाप्त होने के बाद 1977 में इंदिरा को भारतीय लोक दल के के प्रत्याशी राजनारायण ने 55,202 वोट से हरा दिया था। 1980 में इंदिरा ने विजय राजे सिंधिया को 1,73,654 मतों से शिकस्त दी थी।

शीला कौल और उनके बेटे-बेटी

-1989 और 1991 में रायबरेली सीट से जीतने वालीं शीला कौल भी नेहरू-गांधी परिवार से संबंध रखती थीं। शीला कौल के पति कमला नेहरू के भाई थी। यानी, शीला कौल इंदिरा गांधी की मामी थीं। 1996 और 1998 के चुनाव में शीला कौल के बेटे विक्रम कौल और बेटी दीपा कौल की जमानत जब्त हुई थी। हालांकि, 1999 लोकसभा चुनाव में यह सीट फिर कांग्रेस ने जीती। कैप्टन सतीश शर्मा ने सपा के गजाधर सिंह को खिलाफ 73,549 वोटों से हराया था। –

रायबरेली से लगातार जीतीं सोनिया

2004 में जब राहुल गांधी ने चुनावी राजनीति में कदम रखा तो सोनिया गांधी ने अमेठी सीट उनके लिए छोड़ दी और खुद रायबरेली से चुनाव लड़ने लगीं। 2004, 2009, 2014, 2019 में सोनिया ने प्रचंड जीत के साथ यह सीट अपने पास रखी है।

अबकी बार क्या है समीकरण

राज्यसभा सांसद निर्वाचित हो चुकीं सोनिया गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं उतरीं। इसके बाद अटकलें यह भी लगाई जाने लगीं कि कांग्रेस रायबरेली सीट से सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी को उतार सकती हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले से प्रियंका अमेठी और रायबरेली सीट से मां सोनिया और भाई राहुल गांधी का चुनावी प्रबंधन देखती रही हैं। हालांकि, नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी को अपना उम्मीदवार घोषित किया। भाजपा ने यहां से दिनेश प्रताप सिंह को अपना चेहरा घोषित किया है। वहीं, बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को मौका दिया है।

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