नारायणपुर और कांकेर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों का संयुक्त अभियान
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर और कांकेर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में तीन महिलाओं समेत 10 नक्सलियों को मार गिराया है। मुठभेड़ स्थल से एके 47, इंसास, थ्री नाट थ्री, पिस्टल व अन्य कई सामान बरामद किए गए हैं। 16 अप्रैल के बाद यह दूसरी बड़ी मुठभेड़ हुई, जिसे बड़ी संख्या में नक्सलियों को मार गिराया गया है।
कांकेर
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने मुठभेड़ की पुष्टि की। उन्होंने दोपहर को जारी प्रेस विज्ञप्ति में 8 माओवादियों मारे जाने की बात कही थी, उनका कहना है कि टीम के वापस आने के बाद ही विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी। हालांकि 10 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।
पुलिस के अनुसार सोमवार रात को नारायणपुर और कांकेर जिलों के सीमावर्ती अबूझमाड़ क्षेत्र में ‘डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड’ (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ़) के संयुक्त दल को नक्सल विरोधी अभियान पर रवाना किया गया था। कांकेर के छोटेबेटिया के जंगल में मुठभेड़ में 29 माओवादियों के मारे जाने के 15वें दिन नारायणपुर से डीआरजी एवं एसटीएफ फोर्स तीन दिनों पहले मिले इनपुट पर निकली थी। सूत्रों की माने तो इनपुट जिस स्थान का था, वहां पर नक्सली नहीं मिले। फोर्स मंगलवार 30 अप्रैल की सुबह 6 बजे के आसपास वापस होने के लिए निकल रहे थे, तभी कांकेर जिले की सीमा से लगभग 8 से 10 किलोमीटर की दूरी पर नारायणपुर के टेकामेटा और काकूर गांव के बीच जंगल में माओवादियों ने जवान को देख गोली दाग दी। वहीं सतर्क फोर्स ने जवाबी फायरिंग की।अभियान के दौरान आज सुबह लगभग छह बजे जब सुरक्षाबल के जवान टेकमेटा और काकूर गांवों के मध्य जंगल में थे तब नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसपर सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। उन्होंने बताया कि कुछ देर बाद सुरक्षाबलों ने जब घटनास्थल की तलाशी ली तब वहां तीन महिलाओं समेत 10 नक्सलियों के शव बरामद किये गये। उनके अनुसार सुरक्षाबल के सभी जवान सुरक्षित हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इलाके में तलाशी अभियान के दौरान नक्सली डेरे से एक ए के 47 राइफल समेत कई हथियार, गोला बारूद और दैनिक उपयोग का सामान जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
नक्सलियों को नहीं मिला भागने का मौका
फोर्स ने पहाड़ को तीन तरफ से घेरकर जवाबी फायरिंग करते हुए बढ़ने लगे। वहीं, माओवादियों को भागने का मौका नहीं मिल पाया और 10 माओवादियों के मारे जाने की खबर सामने आई है। इसमें 7 पुरुष व 3 महिला माओवादी हैं। सभी वर्दीधारी हैं। बड़े नक्सलियों की उपस्थिति का इनपुट होने के कारण डीआरजी व एसटीएफ को दो दिन पहले नारायणपुर जिले से रवाना किया गया था।
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सीसी मेंबर भी ढेर
सूत्रों की मानें तो 30 अप्रैल की सुबह हुई मुठभेड़ में सीसी मेंबर के ढेर होने की खबर जंगल से आई है। हथियार में एके 47 के अलावा इंसास, थ्री नाट थ्री, पिस्टल व अन्य हथियार भी मिले है। खाद्य सामग्री की मात्रा बहुत अधिक है, इससे लग रहा है कि माओवादियों यह स्थायी डेरा था। इसके अलावा यह भी बात सामने आ रही है कि बंकर बनाने के लिए एक जेसीबी जंगल में लगी थी, जिसे फोर्स ने जब्त किया है।
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चार महीने में मारे गए करीब 91 नक्सली
मुठभेड़ स्थल कांकेर जिले के कल्पर गांव से लगभग 30 किमी दूर दक्षिण में स्थित है, जहां 16 अप्रैल को एक मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के साथ, राज्य के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में इस साल अब तक 91 नक्सली मारे गए हैं। बस्तर क्षेत्र में नारायणपुर और कांकेर सहित सात जिले शामिल हैं।
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डिप्टी सीएम शर्मा बोले- समर्पण करें नक्सली
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों से आग्रह किया है कि वे समर्पण करें एवं सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। उपमुख्यमंत्री शर्मा ने एक वीडियो संदेश में इस सफलता के लिए सुरक्षाबलों को बधाई दी है। उन्होंने नक्सलियों से भी कहा है कि वे समर्पण कर मुख्यधारा में लौटें, सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार है। शर्मा ने कहा है, मैं नक्सलियों से और भटक चुके लोगों से एक बार फिर आग्रह करता हूं कि विष्णु देव जी की सरकार बातचीत के माध्यम से इस मसले का हल चाहती है।
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इधर, 8 और 5 लाख के इनामी समेत 16 नक्सलियों का सरेंडर
फोटो…समर्पण
हरिभूमि न्यूज : बीजापुर
नक्सल उन्मूलन अभियान के दौरान सुरक्षाबलों के संयुक्त प्रयासों से पीएलजीए बटालियन नंबर 1 का सदस्य व माटवाड़ा एलओएस कमांडर सहित 16 नक्सलियों ने नक्सल पंथ से तौबा कर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सरेंडर किए गए नक्सलियों में एक पर 8 लाख, एक पर 5 लाख व 2 पर एक-एक लाख का इनाम घोषित है।
मंगलवार को बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव व पुलिस एवं सीआरपीएफ के आला अधिकारियों के समक्ष पीएलजीए बटालियन नम्बर 1 का सदस्य अरुण कडती पिता सीतैया (21), स्कूलपारा पोलमपल्ली थाना बासागुड़ा, माटवाड़ा एलओएस कमांडर एसीएम रमेश उर्फ मुन्ना हेमला (42), स्कूलपारा फुलादी थाना जांगला, डुमरीपालनार आरपीसी कमांडर सुदरु पुनेम पिता सन्नू पुनेम (30), पदम पारा डुमरीपालनार थाना मिरतुर, डुमरीपालनार आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष पायक़ी कारम पिता स्व. लक्खू कारम (35) निवासी डुमरीपालनार थाना मिरतुर, मद्देड़ एरिया कमेटी अंतर्गत एलजीएस सदस्य प्रमोद ताती उर्फ छोटू पिता स्व. बुधु ताती (25) निवासी तुंगलवाया पालनार थाना गंगालूर, पालनार आरपीसी मिलिशिया डिप्टी कमाण्डर पाकलु हेमला उर्फ परवेश पिता सन्नू (32), निवासी तुंगलवायापार पालनार थाना गांगलूर, पालनार आरपीसी जन मिलिशिया सदस्य लक्ष्मण उरसा उर्फ मंगू उरसा (27), निवासी पटेलपारा पालनार थाना गंगालूर। पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य आयतु पुनेम उर्फ वरगेश पिता टोकडा पुनेम (39), निवासी मंजारी पारा पालनार थाना गंगालूर, पालनार आरपीसी अंतर्गत डॉक्टर टीम का सदस्य बुधराम पोटाम पिता सन्नू पोटाम (29), निवासी पटेलपारा पालनार थाना गंगालूर, पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य बुधु ताती उर्फ गड्ढा पिता कोंदा ताती (50), निवासी पालनार थाना गंगालूर, पालनार भीमकल मिलिशिया सदस्य लक्खू ताती पिता पाण्डु ताती (48) निवासी गुण्डा पारा पालनार थाना गंगालूर, जनताना सरकार सदस्य विद्या संस्कृति शाखा अध्यक्ष पादिया कारम पिता स्व. सुकलु कारम (42), निवासी डुमरीपालनार थाना मिरतुर, मद्देड़ एरिया कमेटी पीएलजीए सदस्य रमेश पुनेम पिता आयतु पुनेम (23), निवासी डुमरीपालनार थाना मिरतुर, पालनार आरपीसी अध्यक्ष सुखराम हेमला उर्फ रामलु पिता मंगू हेमला (38), निवासी तुंगलवाया पारा पालनार थाना गंगालूर।
पालनार भूमकाल मिलिशिया सदस्य सुक्कू लेकाम उर्फ मांझी पिता छन्नू लेकाम (49), निवासी पटेलपारा पालनार थाना गंगालूर व जनताना सरकार सदस्य सांस्कृतिक शाखा अध्यक्ष सुक्कू ताती पिता पाण्डु ताती (35), निवासी तुंगलवाया पारा पालनार थाना गंगालूर ने नक्सलियों की खोखली विचारधारा व शासन आत्मसमर्पण व पुर्नवास नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण कर दिया।
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इतना इनाम था घोषित
आत्मसमर्पित नक्सलियों में अरुण कडती पर 8 लाख का, रमेश उर्फ मुन्ना हेमला पर 5 लाख का, सूदरु पुनेम, पायक़ी कारम व प्रमोद ताती पर 1-1-1 लाख का इनाम घोषित है। सभी नक्सली कई घटनाओं में शामिल रहे है। जिनमें सुकमा का टेकलगुडम भी शामिल हैं। सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को उत्साहवर्धन के लिए शासन की आत्मसमर्पण व पुनर्वास नीति के तहत 25 -25 हजार रुपए नगद प्रोत्साहन राशि दी गई।
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