खैरागढ़ महोत्सव का आज विधिवत समापन हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज जीवन में जो आपाधापी है, उसमें शास्त्रीय संगीत, नृत्य कला की नितांत आवश्यकता है। यह मन-मस्तिष्क को शुद्ध करने के साथ ही मन को शांति प्रदान करता है और आज की जीवनशैली में इसकी नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि खैरागढ़ महोत्सव छत्तीसगढ़ में सबसे बड़े संगीत महोत्सव के रूप में जाना जाता है। शाóीय संगीत एवं नृत्य कला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। शाóीय संगीत से खैरागढ़ की विश्व में पहचान बनी है। विश्व के कलासाधक यहां आते हैं और संगीत की विधा सीखते हैं। उन्होंने कहा कि शाóीय संगीत भारत का गौरव है और इसकी महŸाा पूरे विश्व में है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत ने कहा कि राजा वीरेंद्र बहादुर और रानी पùावती ने अपनी पुत्री राजकुमारी इंदिरा के नाम पर इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी है और आज यह विश्वविद्यालय इस मुकाम पर पहुंचा है।
आज की जीवनशैली में शास्त्रीय संगीत, नृत्य कला हमारे मन मस्तिष्क को शुद्ध करने के साथ ही शांति प्रदान करता है: डॉ. चरणदास महंत
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