कक्षा12वीं इतिहास की किताब में बदला हड़प्पा चैप्टर

एनसीआरटी ने किया बदलाव, नए शिक्षा सत्र से होगा लागू

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने क्लास 12वीं के इतिहास की किताब में फिर से एक बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है। इस बदलाव में ‘हड़प्पा सभ्यता की उत्पत्ति और पतन’ चैप्टर में बदलाव किया गया है। इस बदलाव को शैक्षणिक वर्ष 2024-25 से लागू किया जाएगा। हरियाणा सिंधु घाटी स्थल, राखीगढ़ी में पुरातात्विक स्रोतों से प्राप्त प्राचीन डीएनए के हालिया रिसर्च के मुताबिक, आर्य आप्रवासन को खारिज किया गया है, साथ ही कहा गया है कि हड़प्पा और वैदिक लोग एक ही थे या नहीं इस विषय पर फिर से बेहतर शोध की जरूरत है। इसलिए इस चैप्टर में बदलाव करने की नौबत आई है। इस बदलाव के लिए एनसीईआरटी ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को सूचना जारी कर दिया है। एनसीईआरटी स्कूली शिक्षा से जुड़ी हर काम के लिए केंद्र को सलाह देता भी है और केंद्र से सलाह लेता भी है। एनसीईआरटी हर साल चार करोड़ से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए सिलेबस को तैयार करता है। इसकी पूरी जिम्मेदारी एनसीईआरटी को ही सौंपी गई है।

क्या बदलाव किया गया

एनसीईआरटी ने क्लास 12 के इतिहास के सिलेबस के अलावा क्लास 7, 8, 10 और 11वीं के इतिहास और समाजशास्त्र के सिलेबस में भी बदलाव किया है। इसमें मेन बदलाव हड़प्पा सभ्यता के ‘ईंटे, मोती और हड्डियां’ शिर्षक वाले चैप्टर में किया गया है, जो कि ‘भारत के इतिहास में विषय वस्तु’ भाग 1 में शामिल है। बदलाव के बाद मांग की गई है कि हड़प्पा सभ्यता से संबंधित पुरातात्विक स्थलों से हाल के साक्ष्य में सुधार की जाए।

हड़प्पा सभ्यता क्या है

हड़प्पा रावी नदी के तट पर स्थित है। इसकी खोज पुरात्तविद् दयाराम साहनी ने की थी। इसकी खोज के लिए 1921 और 1922 में हड़प्पा में सिंधु घाटी स्थल की खुदाई की गई थी। हड़प्पा सभ्यता के लोग शहरी थे। इसका निर्माण शहर की तरह हुआ था। इस सभ्यता में सबसे चर्चित शहर मोहनजोदड़ो को माना जाता है।

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