पप्पू यादव ने भरा निर्दलीय पर्चा, बोले कांग्रेस का ‘समर्थन’

: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में नामांकन के आखिरी दिन बिहार के बाहुबली नेता

राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने पूर्णिया सीट से निर्दलीय नामांकन भर दिया है। वे जब नामांकन करने पहुंचे तो उनके साथ मौजूद लोगों के हाथों में कांग्रेस का झंडा था। पप्पू यादव की जुबान पर भी कांग्रेस, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी का नाम था। हालांकि उन्होंने पर्चा निर्दलीय भरा है। इधर, पप्पू यादव के नामांकन पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि पार्टी से बाहर नामांकन करने की इजाजत किसी को नहीं है। पप्पू पार्टी के उम्मीदवार नहीं हैं। नामांकन के बाद पप्पू ने कहा कि ये मेरी राजनीतिक हत्या की साजिश थी। सीमांचल की आजादी, जातीय विवाद, भ्रष्टाचार और नफरत का खात्मा करना है। हर परिवार की खुशी और गरीबी मिटाने का मेरा संकल्प है।

पार्टी का कांग्रेस में किया था विलय

पप्पू यादव ने हाल ही में अपनी पार्टी जाप का कांग्रेस पार्टी के साथ विलय किया था। लेकिन इंडी गठबंधन में जब सीटों का बंटवारा हुआ तो पूर्णिया सीट लालू यादव की पार्टी आरजेडी के खाते में आई। यहां आरजेडी ने बीमा भारती को टिकट दिया है। बीमा भारती ने भी नामांकन दाखिल कर दिया है।

0000

शाह से नहीं मिल पाए ईश्वरप्पा, निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा

(फोटो : ईश्वरप्पा)

बंगलुरू। लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक राज्य में लगातार टेंशन बनी हुई है। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता केएस ईश्वरप्पा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उनका कहना है कि वह पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के बेटे और मौजूदा सांसद बी वाई राघवेंद्र के खिलाफ शिवमोगा से चुनाव लड़ेंगे। वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलना चाह रहे थे लेकिन वह उनसे मिल नहीं पाए।

कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम केएस ईश्वरप्पा ने बगावत के तेवर अभी नरम नहीं किए हैं। उन्होंने शिवमोगा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अब वह अपनी लड़ाई को अंत तक लेकर जाएंगे।

बीजेपी नेतृत्व के सामने रखी ये शर्त

ईश्वरप्पा ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के सामने यह शर्त रखी है कि राज्य के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र को अध्यक्ष पद से हटाया जाना चाहिए। इसके बाद ही वह शिवमोगा में चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले को वापस लेने पर सहमत होंगे। बीएस येदियुरप्पा को टारगेट करते हुए उन्होंने कहा कि एक परिवार के पास राज्य बीजेपी की सारी शक्तियां हैं। यह कार्यकर्ताओं की भावना को ठेस पहुंचाती हैं। कर्नाटक में 28 लोकसभा सीट हैं, इनमें से 14 लोकसभा सीट पर दूसरे चरण में चुनाव 26 अप्रैल को होगा। वहीं, बाकी के 14 लोकसभा सीटों पर तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होगा।

00000

प्रातिक्रिया दे