—दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन का मामला
–ईडी ने जमानत पर कोई आपत्ति नहीं की, तब जेल से आए बाहर
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इंट्रो
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में आप के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। इधर, केजरीवाल की तिहाड़ जेल में पहली राहत टहलते हुए बीती।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया। पीठ ने कहा कि आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते। सिंह की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब आम आदमी पार्टी के सामने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नेतृत्व का संकट है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी। भोजनावकाश के बाद के सत्र में, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा, मैं मामले के गुण-दोषों में गए बिना बयान दे रहा हूं।
पीठ ने बयान पर संज्ञान लेते हुए आदेश दिया, एएसजी एसवी राजू को सुबह के सत्र में निर्देश लेने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा है कि अगर संजय सिंह को प्राथमिकी से जुड़ी कार्यवाही में जमानत पर रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। दिए गए बयान के मद्देनजर, हम वर्तमान अपील की अनुमति देते हैं और निर्देश देते हैं कि संजय सिंह को नियम और शर्तों पर मुकदमे के लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा किया जाए।पीठ ने कहा कि सिंह को दी गई जमानत को ‘मिसाल’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा।
इसका आशय हुआ कि इस जमानत आदेश से अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद अन्य आप नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है। पीठ ने इससे पहले सुबह के सत्र में राजू से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या ईडी को सिंह की और हिरासत की जरूरत है। शीर्ष अदालत सिंह की जमानत याचिका पर और धनशोधन मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने राजू से कहा कि उनके पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है। राजू ने कहा कि वह भोजनावकाश के बाद के सत्र में सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ उनकी दलीलों पर जवाब देंगे। सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी गवाह बन गए दिनेश अरोड़ा की गवाही के आधार पर आप नेता को गिरफ्तार किया गया था। सिंह को ईडी ने पिछले साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्होंने उच्च न्यायालय में इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और कथित अपराध में उनकी भूमिका साबित नहीं हुई है। जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध किया था और दावा किया था कि सिंह 2021-22 की आबकारी नीति अवधि से संबंधित दिल्ली शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे। ईडी का धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से संबंधित है। सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (अब रद्द की जा चुकी) को बदलते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
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आतिशी ने कहा – सत्यमेव जयते
आप की नेता आतिशी ने सुप्रीम के फैसले का मंगलवार को स्वागत किया। दिल्ली की मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सिंह की जमानत की खबर साझा की और लिखा, सत्यमेव जयते। प्रवर्तन निदेशालय ने सिंह को दिल्ली सरकार की अब रद्द हो चुकी आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में पिछले साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।
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कोर्ट ने ईडी से पूछा- क्या और हिरासत में रखने की आवश्यकता है
सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से मंगलवार को पूछा कि क्या उसे दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार आप के नेता संजय सिंह को और अधिक समय तक हिरासत में रखने की आवश्यकता है। पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू से कहा कि वह निर्देश लें और मध्याह्न भोजन के बाद न्यायालय के सत्र में उसे अवगत कराएं कि क्या सिंह को और अधिक समय तक हिरासत में रखने की आवश्यकता है। पीठ ने साथ ही कहा कि सिंह छह महीने जेल में बिता चुके हैं।
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संजय की पत्नी बोलीं-
खुशियां अधूरी हैं, क्योंकि मेरे 3 भाई अब भी सलाखों के पीछे
शराब “घोटाला” मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को जमानत दिए जाने के बाद उनकी पत्नी अनीता सिंह ने कहा कि उनके तीन “भाइयों” अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के अब भी सलाखों के पीछे होने के कारण खुशियां अधूरी हैं। सिंह की जमानत को “सच्चाई की जीत” करार देते हुए उनकी पत्नी ने कहा कि आप तब जश्न मनाएगी, जब उसके सभी नेता मामले में रिहा होंगे। अनिता सिंह ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, जब तक मेरे तीनों भाई अरविंद जी, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन हिरासत से बाहर नहीं आ जाते, ये खुशी अधूरी है। ये सत्य की जीत है। मुझे न्यायिक प्रक्रिया पर पूरा भरोसा था। उन्होंने कहा, “यह जश्न मनाने का सही मौका नहीं है। जब मेरे सभी भाई बाहर होंगे, तो हम एक साथ जश्न मनाएंगे।
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केजरीवाल का शुगर लेवल गिरा
इधर, दिल्ली शराब नीति केस में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पहली रात घूमते-टहलते बीती। जेल अधिकारी के हवाले से जानकारी दी है कि केजरीवाल कोठरी में रातभर घूमते रहे। वे सिर्फ कुछ देर के लिए ही सीमेंट की फर्श पर सोए। मंगलवार सुबह केजरीवाल का शुगर लेवल कम था। वह डॉक्टरों की निगरानी में हैं। उन्हें सोमवार शाम 4 बजे तिहाड़ जेल लाया गया था। बैरक में भेजने से पहले मेडिकल में भी उनका शुगर लेवल 50 दर्ज हुआ था। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें दवाएं दी गईं थीं। सोमवार को जेल पहुंचने पर केजरीवाल को चाय दी गई थी। रात के खाने में उन्हें घर का बना खाना परोसा गया। सोने के लिए उन्हें एक गद्दा, कंबल और दो तकिए दिए गए। केजरीवाल को दोपहर और रात में घर का बना खाना खाने की अनुमति है। जब तक उनका शुगर लेवल सामान्य नहीं हो जाता, तब तक उन्हें घर का खाना दिया जाएगा।
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