बंगाल में तो पहले ही काम खराब, इधर पंजाब महाराष्ट्र में भी खिंची तलवार

  • विपक्ष के शक्ति प्रदर्शन के बीच राज्यों में सीट शेयरिंग के जमीनी हालात

-दिल्ली एकजुटता रैली तो ठीक है, पर क्या वाकई एकजुट हैं ‘इंडिया’

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में विपक्षी महागठबंधन (इंडिया) की बड़ी रैली हुई। रामलीला मैदान में एकत्र होकर विपक्षी दलों ने एकता का संदेश दिया। राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लेफ्ट के नेता और कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन सहित कई बड़े चेहरे इसमें नजर आए। ऐसे में लग रहा है कि पूरा विपक्ष एकजुट है। लेकिन सवाल है कि क्या इन दलों के बीच भी सबकुछ सही है। राज्यों में गठबंधन कितना कारगर और मजबूत है। आइए इसका जायजा लेते हैं…

यूपी में इंडिया गठबंधन कितना मजबूत?

पहली नजर देश के सबसे बड़े यूपी पर डालते हैं। जहां बड़ी मुश्किल से और कई दौर की बातचीत के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस की सहमति बनी। वहीं, अपना दल कमेरावादी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़ चुका है। इससे पहले सीट शेयरिंग पर बात नहीं बना पाने की वजह से जयंत चौधरी की पार्टी आरएलडी इंडिया गठबंधन से अलग हो गई थी और बीजेपी के साथ चली गई थी। इसके अलावा मायावती पहले से इंडिया गठबंधन से दूरी बनाए हुए हैं। हालांकि, अब यूपी में सपा 63 और कांग्रेस 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

बिहार में कहां फंस गया पेंच?

बिहार की बात करें तो यहां इंडिया अलायंस बड़ी मुश्किल से सीट शेयरिंग कर पाया. बावजूद इसके पूर्णिया सीट पर अभी भी पेंट फंसा हुआ है। हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए पप्पू यादव पूर्णिया सीट से लड़ने का दम भर रहे हैं। लेकिन ये सीट तो आरजेडी के खाते में जा चुकी है और तेजस्वी यादव की पार्टी पूर्णिया से बीमा भारती को मैदान में उतार भी चुकी है। पप्पू बगावत पर आमादा हैं। फिलहाल, राजद बिहार में 26, कांग्रेस 9 और लेफ्ट 5 सीटों पर लड़ने को राजी हुआ है।

पश्चिम बंगाल में नहीं हो पाया गठबंधन

पश्चिम बंगाल में तो पहले ही काम खराब हो चुका है। ममता बनर्जी की पार्टी लेप्ट या कांग्रेस किसी से भी गठबंधन नहीं किया है। टीएमसी सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसकी वजह से लेफ्ट और कांग्रेस मिलकर 42 सीटों पर लड़ेंगे और बंगाल में त्रिकोणीय फाइट देखने को मिल सकती है।

पंजाब में खिंची तलवार

आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात करें तो दोनों दिल्ली में तो साथ हैं लेकिन पंजाब में दोनों पार्टियों के बीच तलवार खिंची हुई है। बहुत कोशिशों के बाद भी पंजाब में आप और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो पाया है। इसकी वजह से पंजाब में आप, कांग्रेस, अकाली दल और बीजेपी में चौतरफा लड़ाई देखने को मिल सकती है।

महाराष्ट्र में कौन, किसके साथ?

महाराष्ट्र में भी विपक्षी गठबंधन कितना मजबूत है इसका पता नहीं चल पा रहा है। क्योंकि शिवसेना और एनसीपी बंट चुकी हैं। दोनों का एक-एक धड़ा एनडीए के साथ है। नेता तो बंट गए लेकिन उनके कार्यकर्ता किसके साथ हैं ये तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद यह पहला लोकसभा चुनाव है।

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