पीएमएलए कोर्ट में कई घंटे चली बहस, फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली। प्रवर्तन न्यायालय ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की 10 दिन की हिरासत का अनुरोध करते हुए कहा कि वह मामले के मास्टरमाइंड हैं, इस मामले में शामिल पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने साजिश रची है। ईडी की मांग पर केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ईडी का अब नया तरीका चल रहा है कि पहले गिरफ्तार करो, फिर उनको सरकारी गवाह बनाकर मनमाफिक बयान हासिल करो। इसकी एवज में उन्हें जमानत मिल जाती है। दोनों पक्षों के बीच हुई बहस के बाद कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा है।
ईडी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति तैयार करने और लागू करने में कथित भ्रष्टाचार और धनशोधन हुआ है। मामले में नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह न्यायिक हिरासत में अभी हैं। ईडी ने दावा किया है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का मुख्यमंत्री होने का लाभ उठाते हुए धन शोधन में आम आदमी पार्टी का सहयोग किया। वहीं अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली सहित देश के कई राज्यों में आप के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने आप की मंत्री आतिशी विधायक सौरभ भारद्वाज सहित कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
दोनों पक्षों ने रखीं अपनी दलीलें
ईडी ओर से कोर्ट में पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी. राजू ने कहा कि केजरीवाल ने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए साउथ ग्रुप से 100 करोड़ रुपये मांगे थे। उन्होंने कहा कि आप एक व्यक्ति नहीं बल्कि ‘कंपनी’ है। ऐसे में ‘कंपनी’ के आचरण के लिए जिम्मेदार हर व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। वहीं केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा कि 80% लोगों ने केजरीवाल का नाम नहीं बताया। उन्होंने यह भी नहीं कहा कि वे उनसे कभी मिले भी थे। सिंघवी ने कहा कि ईडी का अब नया तरीका है। पहले गिरफ्तार करो, फिर उनको सरकारी गवाह बनाकर मनमाफिक बयान हासिल करो। इसकी एवज में उन्हें जमानत मिल जाती है।
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