पटना। एनडीए की सीट शेयरिंग में खाली हाथ रहने के बाद आरएलजेपी चीफ पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। पशुपति पारस ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफा देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा,’मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई। हमें एक भी सीट नहीं दी गई। ‘ इस्तीफा देने के पहले तक पशुपति पारस मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे।
बता दें कि पशुपति पारस सीट शेयरिंग में चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 5 लोकसभा सीटें मिलने से नाराज हैं। उन्हें सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की है कि उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई। साथ ही सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले उनसे बात तक नहीं की गई।
17 पर भाजपा तो 16 पर चुनाव लड़ेगी जदयू
दरअसल, बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो चुका है। बंटवारे के तहत, बीजेपी एक बार फिर बड़े भाई की भूमिका में आ गई है। बीजेपी बिहार में 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं जेडीयू के खाते में 16 सीटें आई हैं। अन्य सहयोगी दलों की बात करें तो चिराग पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 5, जीतनराम मांझी की पार्टी एचएएम को 1 तथा उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनता दल को एक सीट मिली है। लेकिन इसमें पशुपति पारस की आरएलजेपी को एक भी सीट नहीं दी गई है।
क्या थामेंगे इंडिया ब्लॉक का हाथ?
पशुपति पारस ने काफी प्रयास किए कि उन्हें एनडीए गठबंधन में कुछ सीटें मिल जाएं। इसके लिए उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा था,’अगर हमें उचित सम्मान नहीं दिया गया, तो हमारी पार्टी स्वतंत्र है और हमारे दरवाजे खुले हैं। हम कहीं भी जाने को तैयार रहेंगे। ‘ अब जब सीटों के बंटवारे का ऐलान हो चुका है तो उनकी नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि इस फैसले के बाद पशुपति पारस इंडिया ब्लॉक के साथ जाने की संभावनाओं पर भी विचार कर रहे हैं।
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