–सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई से कहा कि वह बॉन्ड से जुड़ी पूरी जानकारी दे
शीर्ष अदालत ने बैंक को गुरुवार शाम 5 बजे तक हलफानामा देने को कहा
सुनवाई के दौरान एडवोकेट राजनीतिक दलों की जानकारी का मुद्दा उठाया
—
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीसरी बार एसबीआई को फटकार लगाई। कोर्ट ने उसे ‘चुनिंदा’ रवैया न अपनाने और 21 मार्च तक चुनावी बॉण्ड योजना से संबंधित सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करने को कहा। शीर्ष न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड से संबंधित सभी जानकारियों का खुलासा करने को कहा जिसमें विशिष्ट बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं जिससे खरीददार और प्राप्तकर्ता राजनीतिक दल के बीच राजनीतिक संबंध का खुलासा होगा। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि इसमें ‘कोई संदेह नहीं’ है कि एसबीआई को बॉण्ड की सभी जानकारियों का पूरी तरह खुलासा करना होगा। पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं। पीठ ने कहा कि निर्वाचन आयोग एसबीआई से जानकारियां मिलने के बाद अपनी वेबसाइट पर तुरंत इन्हें अपलोड करे। पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने 11 मार्च को एसबीआई को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉण्ड संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी और उससे पूछा था कि उसने अदालत के निर्देश के अनुपालन के लिए क्या कदम उठाए हैं। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एसबीआई से बॉण्ड संख्याओं समेत चुनाव बॉण्ड से संबंधित सभी संभावित सूचनाओं का खुलासा करने को कहा। पीठ ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा, हमने एसबीआई से सभी जानकारियों का खुलासा करने के लिए कहा था जिसमें चुनावी बॉण्ड संख्याएं भी शामिल हैं। एसबीआई विवरण का खुलासा करने में चुनिंदा रुख न अपनाए।
–
प्रत्येक बॉण्ड पर नंबर क्यों नहीं
वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसबीआई को फटकार लगाई। कोर्ट ने एसबीआई से पूछा कि आखिर चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी में प्रत्येक बॉण्ड पर नंबर क्यों नहीं है। प्रशांत भूषण ने कहा कि अदालत ने एसबीआई से सख्त लहजे में कहा कि वह इसका खुलास करे। एसबीआई को 21 मार्च को शाम 5 बजे तक एक हलफनामा दाखिल करना होगा।
–
एसबीआई को दाखिल करना होगा हलफनामा
चीफ जस्टिस ने कहा कि साल्वे का कहना है कि सभी विवरण प्रस्तुत किए जाएंगे। हम एसबीआई चेयरमैन को गुरुवार शाम 5 बजे एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हैं। इसमें कहा गया है कि पैरा 221 में दिए गए निर्देशों के अनुसार कोई भी जानकारी प्रकटीकरण से नहीं रोकी गई है। ईसीआई एसबीआई से डेटा प्राप्त होने के बाद तुरंत विवरण अपलोड करेगा।
कार्यालय में भेजे गए, डाक से हासिल हुए
कई राजनीतिक दलों ने विभिन्न कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए चुनावी बॉण्ड देने वालों का विवरण साझा करने से इंकार कर दिया है जबकि कुछ दलों ने कहा कि उन्हें “ड्रॉप बॉक्स” या डाक के माध्यम से चंदा मिला है, जिन पर किसी का नाम नहीं था। एक लॉटरी कंपनी से अधिकांश चंदा हासिल करने वाली द्रमुक ने 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार चुनावी बॉण्ड का विवरण प्राप्त करने के लिए अपने दानकर्ताओं से संपर्क किया था। भाजपा ने निर्वाचन आयोग को लिखे अपने पत्र में कहा, विधिवत प्रस्तुत किया जा चुका है कि चुनावी बॉण्ड योजना केवल राजनीतिक वित्तपोषण में धन का हिसाब-किताब रखने और दानदाताओं को किसी भी परिणाम से बचाने के उद्देश्य से पेश की गई थी। कांग्रेस ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को एक पत्र लिखकर चुनावी बॉण्ड दाताओं, धनराशि, तारीख और उस बैंक खाते का विवरण मांगा, जिसमें ये जमा किए गए थे। समाजवादी पार्टी ने 1 लाख रुपये और 10 लाख रुपये की अपेक्षाकृत छोटी राशि के बॉण्ड का विवरण साझा किया।
0000

